ईवीएम पर फिर सवाल, 50 फीसदी पर्चियों के मिलान के लिए फिर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
विपक्षी दलों ने रविवार को ईवीएम में गड़बड़ी को ले कर बैठक की और कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। इतना ही विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए दोबारा से बैलेट पेपर्स की वापसी की मांग की है।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद अब ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा जिन्न ही तरह बोतल से बाहर निकल आया है। विपक्षी पार्टियों की एक बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इन नेताओं ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
Abhishek Singhvi, Congress, at Opposition's press conference: Questions were raised after the 1st phase of election,we don't think EC is paying adequate attention. If you press the button before X Party,vote goes to Y party. VVPAT displays only for 3 seconds, instead of 7 seconds pic.twitter.com/78qLE0QlZ7
— ANI (@ANI) April 14, 2019
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान का प्रथम चरण पूरा हो चुका है। लेकिन विपक्षी हैं कि ईवीएम के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। रविवार को कई बड़े विपक्षी दलों की दिल्ली में एक बैठक कर ईवीएम पर सवाल उठाए।
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सभी दलों ने कहा ईवीएम के मुद्दे पर एकबार फिर से सुप्रीम कोर्ट जाया जाएगा। बैठक में कम से कम छह विपक्षी दल शामिल रहे। इस दौरान विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए फिर से बैलट पेपर से मतदान कराने की मांग की। उधर, बीजेपी ने विपक्ष की इस बैठक को हार स्वीकार करने वाला बताया है।
चंद्रबाबू नायडू ने जिसे बताया एक्सपर्ट, वह निकला ईवीएम चोर
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू चुनाव आयोग के पास पहले फेज के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत लेकर प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे थे। चुनाव आयोग के अधिकारियों को जब कुछ शक हुआ तो उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में शामिल नायडू के एक्सपर्ट हरि प्रसाद का इतिहास खंगाला। शुरुआती जांच में पता चला कि यह वही शख्स है जो हमेशा से दावा करता आया है कि ईवीएम में आसानी से गड़बड़ी की जा सकती है। अपने इस दावे को साबित करने के लिए उसने एक विदेशी एक्सपर्ट की मदद से एक ईवीएम भी चुराई थी।
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गौरतलब है कि वोटिंग मशीन 2014 के चुनावों से पहले ही प्रयोग में लाई जा रही थी। लेकिन 2014 के बाद बदले परिदृश्य में ईवीएम मशीन पर हार का ठीकरा फोड़ना राजनीतिक दलों के लिए अपनी छवि को बचाने के लिए हथियार बन गया है।