युवक की मौत पर परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

डीएन ब्यूरो

हिरासत में लिए जाने के महीनेभर बाद अहमदाबाद स्थित अस्पताल में रविवार को इलाज के दौरान 24 वर्षीय युवक की मौत पर परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

कार्रवाई (फाइल)
कार्रवाई (फाइल)


बोटाद: हिरासत में लिए जाने के महीनेभर बाद अहमदाबाद स्थित अस्पताल में रविवार को इलाज के दौरान 24 वर्षीय युवक की मौत पर परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। करीब महीने भर पहले उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि गुजरात के बोटाद जिले में एक मामूली विवाद को लेकर तीन पुलिसकर्मियों ने युवक को हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया था।

परिवार ने कहा कि वे तब तक शव को स्वीकार नहीं करेंगे जब तक कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता।

बोटाद जिले के पुलिस अधीक्षक किशोर बालोलिया ने कहा कि इस मामले में पहले से ही जांच जारी है। उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस थाने और इलाज करने वाले अस्पतालों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एकत्र की जा रही है।

गंभीर रूप से घायल कालूभाई उस्मान की अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जहां उसे भावनगर के अस्पताल से रेफर किया गया था।

परिजनों का कहना है कि मोटरसाइकिल के कागजात दिखाने में विफल रहने पर उस्मान को 14 अप्रैल को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए बोटाद शहर के पुलिस थाने में ले जाया गया। परिजनों का आरोप है कि थाने में तीन पुलिसकर्मियों ने युवक को प्रताड़ित किया और तभी जाने दिया जब उन्होंने (परिजनों ने) मोटरसाइकिल के कागजात दिखाए।

17 अप्रैल को युवक ने सिर दर्द की शिकायत की तो उसे बोटाद अस्पताल और फिर वहां से उसे इलाज के लिए भावनगर ले जाया गया। लेकिन भावनगर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि युवक ने हिरासत में लिये जाने के तीन दिन बाद 17 अप्रैल की शाम को तबीयत खराब होने की शिकायत की, लेकिन इस बीच वह पूरी तरह ठीक था।

गुजरात उच्च न्यायालय ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करने वाली उस्मान के परिवार की याचिका पर शुक्रवार को अंतरिम आदेश पारित करके पुलिस अधीक्षक को थाने और उन दो अस्पतालों के सीसीटीवी फुटेज को एकत्र करने का निर्देश दिया जहां उसका इलाज चल रहा था।

 










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