15 अगस्त विशेष: आजादी के 75 साल बाद भी किन-किन समस्याओं से जूझ रहा है देश का युवा

डीएन ब्यूरो

देश इस साल आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके पर डाइनामाइट न्यूज़ ने देश के युवाओं से उनके मन की बात जानी कि आखिर कौन से ऐसे बड़े मुद्दे हैं, जो उन्हें लगता है कि अभी भी इन पर काम किया जाना बाकी है। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



नई दिल्ली: इस साल हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी के 75 सालों में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपेक्षित विकास किया है। इन 75 सालों में कई सरकारें आई और गई। भारत ने हर क्षेत्र में सफलता के झंडे भी गाड़े विश्वपटल पर अपनी एक अनूठी छाप छोड़ी। यही कारण हैं कि दुनिया के कई देश आज भी भारत में विश्वगुरु होने का गुण देखते हैं। लेकिन इन सब के बीच देश की जनता कई मौर्चों पर हताश, उदास और निराश नजर आती हैं। बेरोजगारी, मंहगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार भी उन मुद्दों में शामिल हैं, जिनको लेकर देश जनता हाताश और निराश हैं।  

“आजादी के इन 75 सालों में आखिर कहां चूकी सरकारें और क्या किन-किन समस्याओं से जूझ रहे हैं देश के युवा”। इसी सवाल को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ टीम देश की जनता के बीच पहुंची और उनकी राय जानी। देश की राजधानी दिल्ली के लोगों ने इस पर अपनी बेबाक राय रखी। इस रिपोर्ट में पढ़िये क्या बोले लोग।

डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए दिल्ली में पढ़ रही 11वीं की छात्रा पूर्वा ने बताया कि देश में आज भी लड़कियां डर के माहौल में जी रहीं है। पूर्वा ने कहा कि सरकार को देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और पुख्ता इंतजाम करने चाहिए, ताकि देश में महिला खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर सके।

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दिल्ली में पिछले 5 साल से रह रहे एक शख्स ने डाइनामाइट न्यूज़ ने बात करते हुए बताया कि शहर से लेकर गांव तक हर जगह लोगों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य मिलना चाहिए। यह देश की जनता का पहला अधिकार है। 

एक अन्य युवा ने कहा कि हमें सरकारों से फ्री की पानी और बिजली नहीं चाहिए। सरकार हमें और हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था सुविधाएं दें।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में एक महिला शिखा ने कहा कि आज देश को और बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर की जरूरत है। सड़क से लेकर अन्य इंफ्रास्ट्रकचर की दिशा में और ज्यादा काम किये जाने की जरूरत है।

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अधिकतर लोगों ने माना कि महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रकचर जैसे क्षेत्र में अब भी कई काम किये जाने बाकी है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार से संपूर्ण मुक्ति और सबसे कमजोर तबके तक सरकारी सुविधाएं मिलना ही आजादी के सही मायने है। 










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