दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला, भाजपा खेमे में निराशा तो आप में उत्साह

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने विभिन्न पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुना। हम नगर निगम की ओर से प्रस्तुत दलीलें स्वीकार करने में असमर्थ हैं। संविधान ने मनोनीत सदस्यों को मतदान से प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया हुआ है। मनोनीत सदस्यों के मताधिकार पर प्रतिबंध पहली बैठक पर लागू होता है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘महापौर के चुनाव और एमसीडी की पहली बैठक के लिए नोटिस 24 घंटे के भीतर जारी किया जाएगा और नोटिस में उस तारीख का निर्धारण होगा, जब महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव होंगे।'

शीर्ष अदालत का आदेश सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय द्वारा जल्द चुनाव कराने के लिये दायर याचिका पर आया है।

शीर्ष अदालत ने आठ फरवरी को ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, एमसीडी के अस्थायी पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा और अन्य से जवाब मांगा था।

 










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