नोएडा: स्मार्ट कैमरों के माध्यम से एक साल में करीब तीन लाख ई-चालान जारी किए गए
नोएडा पिछले साल लगाए गए उच्च तकनीक वाले स्मार्ट कैमरों के ‘इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (आईएसटीएमएस) के माध्यम से अब तक लगभग तीन लाख ई-चालान जारी किए जा चुके हैं। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
नोएडा: पिछले साल लगाए गए उच्च तकनीक वाले स्मार्ट कैमरों के ‘इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (आईएसटीएमएस) के माध्यम से अब तक लगभग तीन लाख ई-चालान जारी किए जा चुके हैं। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
सिस्टम को संचालित करने वाले अधिकारियों ने बताया कि आईएसटीएमएस के माध्यम से मई 2022 और अप्रैल 2023 के बीच जारी किए ई-चालानों में अधिकांश बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना, दोपहिया वाहनों पर तीन लोगों को बैठाकर यात्रा करना और लाल बत्ती पार करने के उल्लंघन से संबंधित हैं।
उन्होंने बताया कि नोएडा के सेक्टर-94 में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आईएसटीएमएस स्थित है जो नोएडा प्राधिकरण के अलावा यातायात पुलिस के साथ मिलकर काम करता है। इसे पिछले साल 21 मई को लगाया गया था और इसका प्रबंधन ‘एफकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया जाता है।
इस सुविधा के दायरे में नोएडा के 82 प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा, 40 स्थानों पर एक यातायात नियंत्रण प्रणाली स्थापित करना शामिल है, जो अन्य सुविधाओं के साथ 82 स्थानों पर यातायात संकेतों, सार्वजनिक घोषणा प्रणालियों और आपातकालीन कॉलिंग बॉक्स (एसओएस) पर लाल और हरी बत्तियों को रिमोट के माध्यम से नियंत्रित करने की अनुमति देती है।
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यातायात पुलिस ने कहा, “हालांकि, आईएसटीएमएस द्वारा जारी किए गए ई-चालान कुल उल्लंघन के आधे से भी कम हैं फिर भी यह यह प्रणाली न केवल यातायात प्रबंधन के लिए बल्कि निगरानी उद्देश्यों के लिए और कुछ मामलों में अपराधियों का पता लगाने के लिए भी उपयोगी है।”
यातायात के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अनिल कुमार यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “आईएसटीएमएस मुख्य रूप से यातायात प्रबंधन और ई-चालान बनाने के लिए विभिन्न भूमिकाओं में काफी मददगार रहा है। इसके अतिरिक्त, यह अपराध का पता लगाने में भी मददगार रहा है, जिसमें आईएसटीएमएस द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज अक्सर काम आते हैं।”
यादव ने बताया कि इस सुविधा के माध्यम से जारी किए गए बहुत सारे ई-चालान ऐसे मामलों में काम में नहीं आते हैं जहां नंबर प्लेटें टूटी हुई, छेड़छाड़ या गंदी की हुई होती हैं, जिससे यह सही वाहन का ई-चालान जारी करने में असमर्थ हो जाता है।
अधिकारी ने बताया कि इसके साथ एक अन्य समस्या यह भी है कि कई बार एक वाहन द्वारा कई स्थानों पर किए गए उल्लंघनों का ई-चालान के एक साथ आ जाता है।
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यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “इन कमियों को दूर करने की जरूरत है और भविष्य में इसका लाभ उठाने के लिए प्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने की जरूरत है।”
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आईएसटीएमएस द्वारा रिकॉर्ड किए गए फुटेज का उपयोग पुलिस द्वारा 182 मामलों में किया गया है, जिनमें दुर्घटना, चोरी, छीना-झपटी, गुमशुदा व्यक्ति, गुमशुदा वाहन और गुमशुदा वस्तुएं शामिल हैं।