एनएमसी तैयार कर रहा चिकित्सकों का केंद्रीकृत आंकड़ा
सभी चिकित्सकों को अब राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में पंजीकरण कराना होगा और देश में प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) मिलेगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सभी चिकित्सकों को अब राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में पंजीकरण कराना होगा और देश में प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) मिलेगी।
एक हालिया अधिसूचना के अनुसार, इन आंकड़ों को राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर में अद्यतन किया जाएगा और यह आम लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा तथा एनएमसी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा।
यह भी पढ़ें |
दिल्ली के इस मेडिकल कॉलेज में छात्रों की बुनियादी सुविधाओं का अभाव, एनएमसी ने सरकार से क्या कहा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, वेबसाइट पर चिकित्सक के बारे में विभिन्न जानकारी होगी जैसे पंजीकरण संख्या, नाम, पंजीकरण की तिथि, कार्यस्थल (अस्पताल या संस्थान का नाम), अतिरिक्त चिकित्सा योग्यता सहित चिकित्सा योग्यता, विशेषता और उन संस्थान या विश्वविद्यालय का नाम जहां चिकित्सक ने पढ़ाई की थी।
इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जिन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग कानून 2019 के तहत मान्यता प्राप्त प्राथमिक चिकित्सा योग्यता प्राप्त की है और अधिनियम की धारा 15 के तहत आयोजित राष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण की हो, वह एनएमआर में पंजीकरण के लिए पात्र होगा।
यह भी पढ़ें |
Jharkhand: चिकित्सकों की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं बाधित
अधिसूचना के अनुसार, विदेशों से चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले और अधिनियम की धारा 15 के तहत आयोजित राष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले चिकित्सक भी एनएमआर में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे, बशर्ते वे विदेशी चिकित्सा स्नातक विनियमन, 2021 की शर्तों को पूरा करते हों।