Ram Vilas Paswan: रीना पासवान को मिल सकती है रिक्त राज्य सभा सीट, तो चिराग को भी बड़ी जिम्मदारी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्य सभा सीट रीना पासवान को मिल सकती है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये उनके बारे में

Updated : 11 October 2020, 1:24 PM IST
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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्य सभा सीट को लेकर राजनीतिक अटकले शुरू हो गयी है। लेकिन इस बात की सबसे अधिक चर्चा और संभावना है कि यह सीट उनकी पत्नी रीना पासवान को मिल सकती है।

इसके साथ ही यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को भी आने वाले समय में सरकार में बड़ी जिम्मदारी मिल सकती है। बिहार विधान सभा चुनावों के परिणाम से भी चिराग का आगे का राजनीतिक सफर तय हो सकता है।  

जानिये कौन हैं रीना पासवान

गौरतलब है कि राम विलास पासवान की शादी 14 साल की उम्र में राजकुमारी देवी से हुई थी। 1981 में राजकुमारी को तलाक देने के कई वर्षों बाद पासवान ने एयर होस्टेस रीना शर्मा से दूसरी शादी की थी। रीना शर्मा से रामविलास की मुलाक़ात भी एक हवाई सफर के दौरान हुई थी। रामविलास और रीना के दो बच्चे एक बेटा और बेटी हैं। बेटा चिराग पासवान लोजपा के अध्यक्ष हैं। रीना शर्मा दिल्ली में ही रहती हैं। 

जानिये राजकुमारी देवी के बारे में

राजकुमारी देवी वैसे आज भी रामविलास पासवान के पैतृक गांव में ही रहती हैं। उनकी दो बेटियां हैं और दोनो की शादियां हो चुकी है। पासवान ने 2014 में पहली बार खुलासा किया था कि उन्होंने राजकुमारी देवी को 1981 में तलाक दे दिया था।

मोदी कैबिनेट में बड़ी जिम्मदारी 

राजनीतिक गलियारों में इस बात की खासा चर्चा है कि राम विलास के निधन से खाली हुई राज्य सभा सीट रीना पासवान को मिल सकती है। जबकि बिहार चुनाव के बाद उनके बेटे चिराग पासवान को भी मोदी कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मदारी सौंपी जा सकती है।

चिराग पासवना की स्थिति

चिराग पासवना दो बार सांसद रह चुके हैं। उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए हुए कैबिनेट मंत्री या फिर किसी स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है। भाजपा समेत पीएम मोदी से रामविलास पासवान बेहतर संबंधों को देखते हुए चिराग को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

बिहार विधान सभा चुनाव

हालांकि आसन्न बिहार विधान सभा चुनावों  के परिणाम भी आने वाले समय में चिराग पासवान के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। चुनावों में उनकी पार्टी का प्रदर्शन यदि उम्दा रहता है तो चिराग को सरकार समेत भारतीय राजनीति में उनके पिता के समान बड़ी भूमिका में देखा जा सकेगा। 

आधा दर्जन प्रधानमंत्रियों के साथ काम का अनुभव

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक, पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। एक कद्दावर नेता के रूप में राम विलास पासवान के पास आधा दर्जन प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनुभव था। इसके लिये वे कई मंत्रालय भी संभाल चुके थे। हर पार्टी और नेता के साथ उनके हमेशा मधुर संबंध रहे। उन्हें शानदार संवाद की विलक्षणता के लिये भी जाना जाता था।

दुखद निधन

गौरतलब है कि गुरुवार शाम को लंबी बीमारी के बाद राम विलास पासवान का दिल्ली में निधन हो गया था। 74 साल के रामविलास पासवान कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम पांच बजे दिल्ली से पटना पहुंचा, जहां कल शनिवार शाम उनको अंतिम विदायी दिये जाने के साथ ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। 

Published : 
  • 11 October 2020, 1:24 PM IST

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