नई दिल्ली: एनजीटी ने सोनभद्र जिले में अवैध खनन मामले में दो निजी कंपनी पर 15.96 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोन नदी के पास खनन गतिविधियों में लगी दो निजी कंपनियों पर 15.96 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

एनजीटी  (फाइल)
एनजीटी (फाइल)


नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोन नदी के पास खनन गतिविधियों में लगी दो निजी कंपनियों पर 15.96 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और बिहार में पर्यावरण एवं वन विभागों को दोनों राज्यों में बहने वाली सोन नदी के हिस्सों को तीन महीने के भीतर कानून के अनुसार ‘सोन घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य’ के रूप में घोषित करने के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया।

एनजीटी सोनभद्र जिले में सोन के पास बालू और मौरंग के अवैध खनन के संबंध में एक मामले की सुनवाई कर रहा था।

इसने कहा कि यह मुद्दा पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) और संरक्षित वनों के पास इस तरह के अवैध खनन से संबंधित है, जो पर्यावरण मंजूरी और पर्यावरण कानूनों की विभिन्न शर्तों का उल्लंघन करता है, जिससे पर्यावरण और जलीय जीवों को सीधे नुकसान होता है।

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने अपने समक्ष साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कहा कि दो निजी फर्म - न्यू इंडिया मिनरल्स और सुधाकर पांडे एंड एसोसिएट्स- ने पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन किया है।

 










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