भारतीय कुश्ती में नया विवाद : बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ पहलवान जुटे

भारतीय कुश्ती में जारी संकट में बुधवार को नया मोड़ आया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने कैरियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर जमा हुए और उन्होंने इसके लिये बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 January 2024, 1:48 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: भारतीय कुश्ती में जारी संकट में बुधवार को नया मोड़ आया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने कैरियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर जमा हुए और उन्होंने इसके लिये बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया ।

बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इनमें से करीब 300 बागपत के छपरौली के आर्य समाज अखाड़े से थे जबकि कई नरेला की वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से भी थे । अभी भी कई बसों में बैठे हैं और जंतर मंतर पर अपने साथी पहलवानों से जुड़ने की तैयारी में हैं ।

सुरक्षाकर्मियों को उन्हें काबू करने में काफी परेशानी हुई । ये पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ नारे लगा रहे थे । इन्होंने बैनर पकड़ रखे थे जिस पर लगा था ,‘‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू हमारी कुश्ती को इन तीन पहलवानों से बचाओ ।’’

करीब एक साल पहले जंतर मंतर पर ही ये तीनों शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरने पर बैठे थे । उस समय किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला संगठनों और पहलवानों ने इनका समर्थन किया था ।

अब कुश्ती समुदाय ही इन पहलवानों के खिलाफ खड़ा है और उन पर अपना कैरियर बर्बाद करने का आरोप लगा रहा है ।

जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतिस्पर्धायें ठप पड़ी है । डब्ल्यूएफआई दो बार निलंबित हो चुका है और तदर्थ समिति खेल का संचालन कर रही है ।

इन प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मांग की है कि निलंबित डब्ल्यूएफआई को फिर बहाल किया जाये और तदर्थ समिति को भंग किया जाये ।

No related posts found.