

मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री हैं। नवरात्रि के 9वें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन होता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें मां सिद्धिदात्री का पूजन विधि और उनसे जुड़ी कई बातें…
नई दिल्ली: नवरात्रि के 9वें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन होता है। मां की पूजा पूरे विधि-विधान से करने पर मां सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवमी के दिन अगर इन्हीं देवी की पूजा कर ली जाए तो भक्त को सभी देवियों की पूजा का फल मिल सकता है।
देवी सिद्धिदात्री के चार हाथ है जिनमें वह शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण करे रहती हैं। यह कमल पर विराजमान रहती हैं। इनके गले में सफेद फूलों की माला तथा माथे पर तेज रहता है। इनका वाहन सिंह है।
ऐसी मान्यता है कि जो भी पूरी विधि से उनकी साधना करता है उसे पूर्ण सृष्टि का ज्ञान प्राप्त होता है और उसमें ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करने की क्षमता आ जाती है। नौवें दिन सिद्धिदात्री को मौसमी फल, हलवा, पूड़ी, काले चने और नारियल का भोग लगाया जाता है। जो भक्त नवरात्रों का व्रत कर नवमीं पूजन के साथ व्रत का समापन करते हैं, उन्हें इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री वंदना मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
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