नवरात्र के सातवें दिन आज इस मंत्र का जाप कर करें मां कालरात्रि की पूजा

आज चैत्र नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के सातवें दिन महाशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। यह काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 March 2018, 9:42 AM IST
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नई दिल्ली: आज चैत्र नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के सातवें दिन महाशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। यह काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। 

इनके बाल बिखरे हुए हैं और इनके गले में नरमुंड की माला चमकती  हुई दिखाई दे रही है। मां कालरात्रि का स्वरूप काला है, लेकिन यह सदैव शुभ फल देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम शुभकारी भी है। मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं और उनके बाल खुले और बिखरे हुए हैं।  मां गर्दभ (गधा) की सवारी करती हैं। मां के चार हाथ हैं एक हाथ में कटार और दूसरे हाथ में लोहे का कांटा है।

मां कालरात्रि पूजा मंत्र

-या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

-एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी

ऐसा कहा जाता है कि इनके नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस, दानव और सभी पैशाचिक शक्तियां भाग जाती हैं। इनकी पूजा-अराधना करने से भक्तों से सभी पाप,  कष्ट और दुख खत्म हो जाते हैं। इनकी पूजा में गुड़ के भोग का विशेष महत्व है। गुड़हल और गुड़ के अर्पण से माता प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं।

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