Navratri Day 5: स्कंदमाता की पूजा से पूरी होगी ये मुराद, जानें शुभ मुहूर्त और भोग

शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 5) देवी स्कंदमाता की उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 October 2024, 9:02 AM IST
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नई दिल्ली: सनातन धर्म में नवरात्र के पर्व का अधिक महत्व है। हर साल दो नवरात्र (Navratri) आते हैं। पहली नवरात्र चैत्र माह में मनाए जाते हैं, वहीं दूसरे नवरात्र आश्विन माह में मनाए जाते हैं, जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हुई है। वहीं, इसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता (Devi Skandamata) की पूजा का विधान है। धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की विधिपूर्वक उपासना (Worship) करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

देवी स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल की पंचमी तिथि की शुरुआत 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 48 मिनट से होगी। वही, इसका समापन 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर होगा।

देवी स्कंदमाता की पूजा विधि

शारदीय नवरात्र (Skandamata ki Puja Vidhi) के पांचवें दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर वस्त्र धारण करें। मंदिर की सफाई कर पूजा की शुरुआत करें। अब स्कंदमाता को चंदन, कुमकुम, फल, फूल समेत आदि चीजें अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और स्कंदमाता के मंत्रों का जप करें। स्कंदमाता चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। व्रत कथा का पाठ करें। केले और मिठाई का भोग लगाएं। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।

मां स्कंदमाता के भोग

मां स्कंदमाता को केले का भोग जरूर लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे जातक को बिजनेस और करियर में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही संतान-सुख की प्राप्ति होती है।

मां स्कंदमाता का प्रिय रंग

मां स्कंदमाता की पूजा के दौरान सफेद और पीला रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि सफेद और पीला रंग देवी को प्रिय है। इन रंग के वस्त्र धारण करने से मां प्रसन्न होंगी।

मां स्कंदमाता के प्रिय फूल

मां स्कंदमाता की पूजा में गेंदे के फूल शामिल करने चाहिए। ऐसा करने से साधक को जीवन में सुख-सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।