राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति जल्द ही जारी करेगा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे का मसौदा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति मसौदा समिति की सदस्य वसुधा कामत ने बताया कि शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) का मसौदा जल्द ही जारी किया जायेगा जो स्कूली शिक्षा की जरूरतों एवं इसमें बदलाव के लिए जरूरी शिक्षकों की क्षमताओं के विकास पर केंद्रित होगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 April 2023, 5:51 PM IST
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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति मसौदा समिति की सदस्य वसुधा कामत ने बताया कि शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) का मसौदा जल्द ही जारी किया जायेगा जो स्कूली शिक्षा की जरूरतों एवं इसमें बदलाव के लिए जरूरी शिक्षकों की क्षमताओं के विकास पर केंद्रित होगा।

कामत ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में चार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा तैयार करने की सिफारिश की गई थी। इसमें से बुनियादी शिक्षा के स्तर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ)20 अक्टूबर 2022 को और स्कूली शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों एवं सुझाव के लिए 6 अप्रैल 2023 को जारी किया गया।

उन्होंने बताया कि शिक्षक शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा और प्रौढ़ शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा का मसौदा जल्द ही जारी किया जायेगा।

वसुधा कामत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में चार वर्षीय समन्वित शिक्षक शिक्षा कार्यकम की सिफारिश की गई है, ऐसे में शिक्षक शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा स्कूली शिक्षा की जरूरतों एवं स्कूली शिक्षा में बदलाव के लिए जरूरी शिक्षकों की क्षमताओं पर केंद्रित होगा।

उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के मसौदे में विद्यालयी शिक्षा के सभी चार स्तरों के लिए दिशानिर्देश प्रदान किये गए हैं।

उन्होंने बताया कि हमारे स्कूलों में आमतौर पर जानकारी को रटने पर अधिक जोर दिया जाता रहा है, इसे बदलने की जरूरत है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति मसौदा समिति की सदस्य ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा का पुनर्गठन छात्रों को उच्च शिक्षा की दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार करेगा । चूंकि मूल्यांकन ‘हायर आर्डर लर्निंग आउटकम’ पर आधारित होगा, ऐसे में छात्र नयी परिस्थितियों के साथ अनुकूलन, उसका विश्लेषण एवं मूल्यांकन कर सकेंगे।

गौरतलब है कि हाल ही में जारी स्कूली शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे में कहा गया है कि गणित को कला, खेल और भाषा के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि स्कूली छात्रों के लिए इस विषय को अधिक रचनात्मक और सुरुचिपूर्ण बनाया जा सके।

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