नड्डा ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए शुक्रवार को वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि यह दुनिया के समक्ष भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और चंद्रमा की सतह के बारे में समझ को विस्तार देगा।

वैज्ञानिकों को बधाई दी (फाइल)
वैज्ञानिकों को बधाई दी (फाइल)


नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए शुक्रवार को वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि यह दुनिया के समक्ष भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और चंद्रमा की सतह के बारे में समझ को विस्तार देगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा में भारी-भरकम एलवीएम 3-एम 4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया।

नड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को हार्दिक बधाई। यह दुनिया को भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और चंद्रमा की सतह की हमारी समझ का विस्तार करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह उल्लेखनीय मिशन हमारे वैज्ञानिकों की सरलता और दृढ़ता का प्रमाण है, जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को लगातार नई ऊंचाइयां दे रहे हैं।’’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया।

कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ।

इसरो के अधिकारियों के अनुसार, उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया और यह चंद्र कक्षा की ओर बढ़ते हुए पृथ्वी से 170 किमी निकटतम और 36,500 किमी सुदूरतम बिंदु पर एक अण्डाकार चक्र में लगभग पांच-छह बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा।

एलवीएम3-एम4 रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है जिसे वैज्ञानिक 'फैट बॉय' या ‘बाहुबली’ कहते हैं।

 










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