मानसून: राजस्थान में बिजली गिरने से चार लोगों की मौत, हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों यात्री फंसे

डीएन ब्यूरो

मानसून के दस्तक देने के साथ ही उत्तर और पश्चिमी भारत के विभिन्न हिस्सों में अचानक बाढ़ आने, भूस्खलन होने और कई जगहों पर सड़कें बंद होने का समाचार है। इसी कड़ी में राजस्थान में सोमवार को बिजली गिरने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों लोग फंसे हुए हैं।

बिजली गिरने से चार लोगों की मौत (फाइल)
बिजली गिरने से चार लोगों की मौत (फाइल)


नई दिल्ली: मानसून के दस्तक देने के साथ ही उत्तर और पश्चिमी भारत के विभिन्न हिस्सों में अचानक बाढ़ आने, भूस्खलन होने और कई जगहों पर सड़कें बंद होने का समाचार है। इसी कड़ी में राजस्थान में सोमवार को बिजली गिरने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों लोग फंसे हुए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में और आगे बढ़ रहा है।

दिल्ली में सोमवार को मौसम उमस भरा रहा, जबकि राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में बारिश हुई, जिससे तापमान काबू में रहा।

आईएमडी ने कहा कि पूरे दिन शहर में बादल छाए रहे और सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से चार डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है।

राजस्थान में मानसून की पहली बारिश ने राज्य के कुछ इलाकों को जलमग्न कर दिया। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए।

पाली जिले में रविवार को बिजली गिरने के बाद दिनेश (21) की मौत हो गई जबकि बारण के पटपड़ी में ऐसी ही एक घटना में दो भाइयों हरिराम (46) तथा कमल (32) की जान चली गई। चित्तौड़गढ़ में बिजली गिरने से एक 10 वर्षीय लड़की की मौत हो गई।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के औट में भीषण बारिश से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग अवरुद्ध होने से यहां सैकड़ों यात्री फंस गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि 70 किलोमीटर लंबा मंडी-पंडोह-कुल्लू मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य में भारी बारिश के कारण कुल 301 मार्ग बंद हैं जबकि बिजली के 140 ट्रांसफार्मर खराब हैं।

भारी बारिश के कारण मंडी शहर से 40 किलोमीटर दूर औट के करीब खोतीनाला में पंडोह-कुल्लू मार्ग पर अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण यात्री रविवार शाम से फंसे हुए हैं।

मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा भूस्खलन से बंद, कतौला से होता हुआ मंडी-कुल्लू वैकल्पिक मार्ग करीब 20 घंटे बाद खुला। छोटे वाहनों को अब इस रास्ते से निकाला जा रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन से करीब छह मील तक मंडी-पंडोह मार्ग अवरुद्ध रहा। मरम्मत का कार्य जारी है और मार्ग से बड़े पत्थरों को हटाने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर का मार्ग करीब एक या दो घंटे में बहाल हो जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी जाती है कि सड़क खुलने से पहले मंडी की ओर यात्रा ना करें।

चंडीगढ़ से आए एक पर्यटक मोहित ने कहा,''यह एक बुरे सपने जैसा अनुभव है। हम बीती शाम से फंसे हुए हैं और आसपास रुकने के लिए बहुत ज्यादा होटल आदि नहीं हैं।''

उन्होंने कहा,''पुलिस और प्रशासन ने कई बिंदुओं पर यातायात को रोका हुआ है लेकिन इसके बावजूद दोनों तरफ करीब दो किलोमीटर लंबा जाम है।''

मंडी से चंडीगढ़ की ओर लौट रहे एक यात्री प्रशांत ने कहा, ‘‘हम रविवार शाम से ही यहां फंसे हुए हैं। सड़क बंद होने से जाम लग गया है और औट एवं सिक्स माइल की सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं।’’

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश के कारण 301 मार्ग अवरुद्ध हैं।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इन मार्गों में से 180 मार्गों को सोमवार तक बहाल कर दिया जाएगा, मंगलवार तक 15 मार्ग खुल जाएंगे और मौसम के हालात को देखते हुए 30 जून तक सभी मार्गों के खुलने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि मार्गों को बहाल करने के लिए करीब 390 जेसीबी और अन्य उपकरण तैनात किए गए हैं और विभाग एक नंबर जारी करेगा जिस पर लोग आज शाम तक सड़क से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट कर सकते हैं।

राज्य में लगभग 30 सड़कों के हिस्से ऐसे हैं जहां लगातार भूस्खलन होता रहता है। 24 जून से शुरू हुए मानसून के मौसम के दौरान पीडब्ल्यूडी को करीब 27 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

जम्मू-कश्मीर के अधिकतर भागों में सोमवार को बारिश हुई, जिससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी से थोड़ी राहत मिली। हालांकि विभिन्न इलाकों में भूस्खलन होने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कें बंद कर दी गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आने के खतरे को देखते हुए रामबन में दसवीं कक्षा तक के स्कूल बंद कर दिए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि आज तड़के कई जगह भूस्खलन होने, रामबन शहर के कैफेटेरिया मोड़ और मेहर में पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण कश्मीर को देश के शेष भाग से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया। हालांकि दोपहर करीब ढाई बजे राजमार्ग पर फंसे हुए वाहनों को हटा दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि आज सुबह राजमार्ग पर श्रीनगर या जम्मू की ओर से किसी वाहन को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई।

इस बीच, आईएमडी ने मंगलवार सुबह तक मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया, जबकि राज्य के कई इलाकों में बारिश जारी है।

आईएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि सागर, नरसिंहपुर, बैतूल, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और जबलपुर जिलों में बिजली गिरने और भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है।

मुंबई के घाटकोपर इलाके में रविवार को गिरी चार मंजिला इमारत के मलबे से सोमवार को दो शव निकाले गए। नगर निकाय के अधिकारियों के अनुसार, शहर और उसके उपनगरों में पिछले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

पश्चिम बंगाल में, मौसम विभाग ने उत्तरी ओडिशा और दक्षिण झारखंड पर कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो दिन तक राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।

मौसम कार्यालय ने कहा कि रविवार सुबह से दक्षिण बंगाल के अधिकांश हिस्सों और राज्य के उप-हिमालयी क्षेत्र में कई स्थानों पर बारिश हुई।

 










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