Money Laundering Case: शरद पवार के पोते रोहित से ED की 8 घंटे तक चली पूछताछ, बोले- मैं इस केस से बाहर आउंगा

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार के पोते और विधायक रोहित पवार से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को आठ घंटे तक पूछताछ की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

ED की 8 घंटे तक चली पूछताछ
ED की 8 घंटे तक चली पूछताछ


मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार के पोते और विधायक रोहित पवार से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को आठ घंटे तक पूछताछ की।

पिछले 10 दिन में यह दूसरी बार है जब रोहित पवार से ईडी ने पूछताछ की है। कर्जत-जामखेड़ से विधायक रोहित (38)से केंद्रीय एजेंसी ने इससे पहले 24 जनवरी को पूछताछ की थी।

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वह बृहस्पतिवार को अपराह्न एक बजकर पांच मिनट पर दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचे और रात नौ बजे के बाद कार्यालय से बाहर निकले।

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इससे पहले परिवार के सदस्य उनके साथ ईडी कार्यालय तक आए थे। पवार रात नौ बजे जब ईडी के कार्यालय से बाहर निकले तक राकांपा कार्यकर्ताओं ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधायक के पेश होने से पहले शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार पास में ही स्थित राकांपा कार्यालय में मौजूद रहीं।राकांपा प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले इस समय संसद सत्र को लेकर नयी दिल्ली में हैं।

राज्य भर से आए सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता यहां राकांपा कार्यालय और ईडी कार्यालय के पास जुटे और ईडी के समन के खिलाफ प्रदर्शन किया।राकांपा कार्यकर्ताओं ने पुणे में भी विरोध प्रदर्शन किया।

ईडी कार्यालय के पास काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और कार्यालय की ओर से आने वाली सड़कों पर अवरोधक लगा दिये गये।

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक धन शोधन मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की प्राथमिकी से सामने आया है।

ईडी ने पांच जनवरी को रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर कुछ संबंधित संस्थाओं की तलाशी ली थी।

बंबई उच्च न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को कथित धोखाधड़ी के माध्यम से कम कीमत पर बेचने के आरोपों की जांच का आदेश दिए जाने के बाद यह मामला दर्ज किया गया था।










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