एम के स्टालिन का सीएए को लेकर आया बड़ा बयान, तमिलनाडु में नहीं होने देंगे लागू

डीएन ब्यूरो

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार राज्य में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को लागू करने की अनुमति कभी नहीं देगी क्योंकि यह कुछ समूहों मसलन मुसलमानों और देश में शरण लिए श्रीलंकाई तमिलों के प्रति भेदभावपूर्ण है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन


चेन्नई:  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार राज्य में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को लागू करने की अनुमति कभी नहीं देगी क्योंकि यह कुछ समूहों मसलन मुसलमानों और देश में शरण लिए श्रीलंकाई तमिलों के प्रति भेदभावपूर्ण है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार स्टालिन राज्य में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए फिलहाल अन्य देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के 29 जनवरी के बयान कि देश में सात दिन के अंदर सीएए लागू किया जाएगा के जबाव में यह बात कही। स्टालिन ने संसद में इसे पेश किए जाने के वक्त संशोधन के पक्ष में मतदान करने के लिए राज्य के मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक की आलोचना की।

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मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अन्नाद्रमुक की आलोचना की और कहा कि यदि संशोधित नागरिकता विधेयक को उस पार्टी का समर्थन न होता तो शायद यह कानून नहीं बन पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों और मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करता है।

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने सोमवार को दावा किया था कि सीएए एक सप्ताह के भीतर देशभर में लागू कर दिया जाएगा।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के मटुआ समुदाय बहुल बोंगांव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ठाकुर ने कहा था कि कानून को सात दिन के भीतर तेजी से कार्यान्वित किया जाएगा।

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स्टालिन ने कहा कि पहले, जब द्रमुक तमिलनाडु में विपक्ष में थी तो पार्टी ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि 2021 में पार्टी के सत्ता संभालने के बाद राज्य सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से सीएए को वापस लेने का आग्रह किया।

स्टालिन ने कहा कि द्रमुक सरकार इस विवादास्पद कानून को लागू नहीं करेगी।










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