मंत्री कल्ला बोले- वेद भारत की आत्मा है और उसकी आत्मा में शांति, अहिंसा और सद्भाव सहिष्णुता बसती है, जानिये पूरा मामला
राजस्थान के शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी कल्ला ने शुक्रवार को कहा कि बालिकाओं को वैदिक शिक्षा देने से ही परिवार, समाज और राष्ट्र का चारित्रिक, भौतिक और आध्यात्मिक उत्थान होगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: राजस्थान के शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी कल्ला ने शुक्रवार को कहा कि बालिकाओं को वैदिक शिक्षा देने से ही परिवार, समाज और राष्ट्र का चारित्रिक, भौतिक और आध्यात्मिक उत्थान होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कल्ला यहां राजस्थान संस्कृत अकादमी के राज्य स्तरीय पुरस्कार-सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वैदिक संध्या और स्वाध्याय मन, कर्म और वचन को पवित्र करने के साथ व्यक्तित्व को दिव्य और भव्य बनाती है।
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उन्होंने कहा, ‘‘वेद भारत की आत्मा है और उसकी आत्मा में शांति, अहिंसा और सद्भाव सहिष्णुता बसती है। यह वेद ही है ,जो मानव ही नहीं अपितु पशु, पक्षी, वनस्पति, कीट और कण-कण के कल्याण और शांति की कामना करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह हमारे संस्कार हैं, जहां कन्या को दैवीय स्वरूप में पूजा जाता है, उसके चरण पखारे जाते हैं ।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं द्वारा प्रथम बार सस्वर सामूहिक वेद पाठ वैदिक शिक्षा ही नहीं अपितु संपूर्ण शिक्षा जगत में एक स्वर्णिम युग का उद्घोष है।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमी अध्यक्ष डॉ सरोज कोचर ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत की सार्थकता उसे शिक्षा के साथ उसको रोजगारोन्मुखी बनाया जाना है।
उन्होंने कहा कि अकादमी इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है । इसके साथ ही अकादमी सवा लाख दुर्लभ पांडुलिपियों को सूचीबद्ध और डिजिटलाइज करने जा रही है।
इस अवसर पर राज्य के प्रथम बालिका वेद आश्रम की 14 बालिकाएं सामूहिक वेद पाठ के लिए उपस्थित हुई थी। वेद पाठ से पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी कल्ला ने उनके चरणों का प्रक्षालन किया।