जम्मू के कुछ इलाकों से सैन्य वापसी की योजना ‘अनिश्चितकाल’ के लिए टली, जानिये वजह
जम्मू के कुछ इलाकों से चरणबद्ध तरीके से सेना की वापसी की योजना सीमा पार से किए जा रहे आतंकवादी हमलों के मद्देनजर ‘अनिश्चितकाल’ के लिए टाल दी गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
श्रीनगर: जम्मू के कुछ इलाकों से चरणबद्ध तरीके से सेना की वापसी की योजना सीमा पार से किए जा रहे आतंकवादी हमलों के मद्देनजर ‘अनिश्चितकाल’ के लिए टाल दी गई है। श्रीनगर में अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने जम्मू के कुछ इलाकों में सेना के आतंकवाद विरोधी बल ‘राष्ट्रीय राइफल्स’ के जवानों की मौजूदगी घटाने और सुरक्षा व्यवस्था जम्मू-कश्मीर पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई थी।
जम्मू क्षेत्र में सेना के तीन आतंकवाद विरोधी बल (सीआईएफ) हैं, जिनमें डेल्टा फोर्स, रोमियो फोर्स और यूनिफॉर्म फोर्स शामिल हैं। डेल्टा फोर्स डोडा क्षेत्र, रोमियो फोर्स राजौरी और पुंछ क्षेत्र तथा यूनिफॉर्म फोर्स उधमपुर व बनिहाल क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों के मुताबिक, सेना की कुछ इकाइयों ने जम्मू क्षेत्र की पीर पंजाल पर्वत शृंखला के दक्षिणी हिस्से में सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था का जिम्मा धीरे-धीरे स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सौंपने की योजना बनाई थी।
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उन्होंने कहा कि हालांकि, हालात को ध्यान में रखते हुए, खासतौर पर आतंकवादियों द्वारा 2023 में की गई हत्याओं को देखते हुए, इस योजना को ‘अनिश्चितकाल’ के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
जम्मू क्षेत्र में इस साल आतंकवादियों के हाथों कुल 17 लोगों मारे जा चुके हैं, जिनमें सेना के 10 जवान शामिल हैं।
एक जनवरी 2023 को राजौरी के धंगरी गांव में पांच नागरिक आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए थे, जबकि दहशतगर्दों द्वारा भागने से पहले वहां छोड़े गए एक आईईडी में अगले दिन विस्फोट होने के कारण दो अन्य लोगों की जान चली गई थी।
वहीं, 20 अप्रैल को पुंछ जिले की मेंढर तहसील के भट्टा दुर्रियन में आंतकवादियों ने रमजान के दौरान एक सीमावर्ती गांव में इफ्तार का सामान पहुंचाने जा रहे सेना के एक वाहन को निशाना बनाया था, जिसमें पांच जवान मारे गए थे।
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इसी तरह, पांच मई को राजौरी के कांडी वन क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में पांच पैरा कमांडो मारे गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था।
जम्मू के कुछ इलाकों से सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर पिछले कुछ समय से विचार किया जा रहा था और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में एकीकृत मुख्यालय (यूएचक्यू) की ओर से अंतिम सिफारिश की जानी थी। यूएचक्यू में सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष प्रतिनिधि शामिल हैं।