‘मेरी माटी मेरा देश’ : कर्तव्य पथ पर भारत की माटी और रंगों का मिलन

डीएन ब्यूरो

श्रीनगर से तिरुनेलवेली और सिक्किम से सूरत तक भारत की माटी और उसके रंगों का सोमवार को कर्तव्य पथ पर मिलन हुआ जब पारपंरिक पोशाक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का जश्न मनाने के लिए ‘राजपथ’ पर जमा हुए थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मेरी माटी मेरा देश
मेरी माटी मेरा देश


नयी दिल्ली:  श्रीनगर से तिरुनेलवेली और सिक्किम से सूरत तक भारत की माटी और उसके रंगों का सोमवार को कर्तव्य पथ पर मिलन हुआ जब पारपंरिक पोशाक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का जश्न मनाने के लिए ‘राजपथ’ पर जमा हुए थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक घरों, संस्थानों के मैदान और सार्वजनिक जगहों से एकत्रित मिट्टी के साथ ‘अमृत कलश’ लिए सैकड़ों ‘यात्रियों’ ने एक साथ और विविधता में एकता की भावना का प्रदर्शन करते हुए भारत की सांस्कृतिक जीवंतता का जश्न मनाया।

मंगलवार को ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के विशाल समापन कार्यक्रम के लिए विजय चौक और कर्तव्य पथ पर तैयारियां हो रही हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे।

यह कार्यक्रम इस अभियान के तहत आयोजित अमृत कलश यात्रा के समापन का प्रतीक होगा। यह भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 12 मार्च, 2021 को शुरू हुए दो साल के अभियान ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के समापन का भी प्रतीक होगा।

कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर कर्तव्य पथ पर उत्सव जैसा माहौल था क्योंकि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोग पारंपरिक पोशाक पहनकर आए थे, जबकि राज्य-वार सांस्कृतिक प्रदर्शनों ने माहौल में चार चांद लगा दिए।

तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के एक ब्लॉक के रहने वाले छात्र राजा रमन (20) ने ‘वेष्टी’ और ‘कुर्ता’ पहना था, जबकि उदलगुरी जिले की प्रोमिता कचारी ने अपने क्षेत्र की पारंपरिक असमिया पोशाक पहनी हुई थी।

कई लोगों ने भारतीय ध्वज लहराया, जबकि कई अन्य लोगों ने पारंपरिक धुनों पर नृत्य किया और इस अवसर को सौहार्दपूर्ण भावना के साथ मनाया।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना से आईं पायल सरकार ने कहा, ‘‘हमें इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनकर और अपने पश्चिम बंगाल से मिट्टी का योगदान देकर खुशी हो रही है। इस अभियान का और इस उत्सव का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है।’’

कई अमृत कलश यात्री, एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) कैडेट, सुरक्षाकर्मी और अन्य आगंतुकों को पारंपरिक वेशभूषा पहने लोगों के साथ सेल्फी लेते देखा गया।

नेवारी पोशाक पहनी सिक्किम की महिलाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया, वहीं राजस्थान और हरियाणा की महिलाएं भी अपने पारंपरिक परिधानों में थीं।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से भी लोग आए थे, जो मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश बनने की चौथी वर्षगांठ मनाएंगे। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद 31 अक्टूबर, 2019 को दोनों केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आए।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी सोमवार को समारोह में शामिल हुए।

भट्ट और ठाकुर ने अलग-अलग कलश से मिट्टी विशाल अमृत कलश में डाली।

चौबे ने बिहार की परंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रदर्शन में भाग लिया, जिसमें आगामी छठ पूजा का भी प्रदर्शन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ‘मेरी माटी मेरा देश’ के समापन कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित करेंगे।

संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान 766 जिलों के 7,000 ब्लॉक से अमृत कलश यात्री मौजूद रहेंगे।

 










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