यूपी में गुंडा राज.. भू-माफियाओं ने पत्रकार पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर किया जान से मारने का प्रयास
उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां मेरठ जिले में बाल दिवस पर कवरेज के लिये गये एक पत्रकार की जान पर तब बन आई जब यहां अवैध तरीके से एक मकान में कब्जा जमाये बैठे भू-माफियाओं ने पहले तो उसे बुलाया और उसके बाद उस पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर उसे जान से मारने की कोशिश की। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें पूरा मामला
मेरठः प्रदेश में भू- माफिया इतने बेखौफ हैं कि आज बुधवार को इन्होंने मेरठ जिले में एक पत्रकार को जिंदा जलाने की कोशिश की है। वो तो गमीमत रही कि पत्रकार ने अपनी सूझ-बूझ दिखाई और वह किसी तरह इनके चंगुल से निकलर भाग निकला। नहीं तो भू- माफिया के हाथों की उसकी जिंदगी चली जाती। कानून व्यवस्था का आलम यह है कि पीड़ित पत्रकार ने जब घटना की सूचना पुलिस को दी तो स्थानीय पुलिस सूचना देने के डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची है।
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जब तक पुलिस यहां पहुंची उससे पहले भूमाफिया व टूर एंड ट्रैवल्स मालिक अपने साथियों के साथ वहां से फरार हो गये। इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हुये पीड़ित पत्रकार को कार्रवाई का आश्वासन दिया। बता दें कि थाना मेडिकल इलाके के रंगोली रोड पर एक न्यूज़ चैनल का पत्रकार अपनी टीम के साथ बुधवार को यहां पर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के साथ बाल दिवस पर कवरेज के लिये पहुंचा था कि तभी झुग्गीवासियों ने पत्रकार को बताया कि यहां पर अवैध कब्जा करके कुछ लोगों ने दुकान खोली हुई है>
यहां चल रहा अवैध भू-माफियाओं का काला धंधा
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ये लोग इन झुग्गी में रहने वाले लोगों से मारपीट करते हैं और उनको जबरदस्ती परेशान भी करते हैं। पत्रकार के यहां पहुंचने की बात जब अवैध कब्जाधारी भू- माफिया और टूर एंड ट्रेवल्स के मालिक को पता चली तो उन्होंने यहां पर पहुंचे पत्रकार नकुल को बुलाया और उसको अपने अवैध तरीके से बने हुए ऑफिस में खींचकर ले गये। यहां पर पत्रकार से उन्होंने गाली- गलौज की और बुरी तरह से साथियों के साथ मिलकर उसे पीटा। यहीं नहीं इस दौरान भू- माफियाओं ने उस पर ज्वलनशी पदार्थ छिड़ककर उसे जलाने की कोशिश की तो पत्रकार की चीख-पुकार सुनकर तभी वहीं पास में खड़ें उसके सहयोगी पत्रकार दौड़कर मौके पर पहुंच गये। यह देख भू- माफिया और उसके साथी वहां से फरार हो गये। इसके बाद उन्होंने तुरंत घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को फोन पर दी।
पुलिस को पीड़ित पत्रकार की नहीं सुध-बुध
सूचना के डेढ़ घंटे बाद जब अपनी टीम के साथ मेडिकल थाने के थानाध्यक्ष सतीश कुमार मौके पर पहुंचे तो उन्होंने खानापूर्ति करते हुये घटनास्थल की जांच-पड़ताल की और पीड़ित पत्रकार को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला दबाने लगे। इस दैरान मीडिया का कैमरा चलता देख थानाध्यक्ष ने कैमरे को थिएटर बताते हुए बंद करने के लिए कहा। हैरत की बात तो यह है कि इस अवैध ऑफिस में जब पुलिस पहुंची तो जिस ज्वलनशील पदार्थ से पत्रकार को जलाने का प्रयास किया जा रहा था उसकी बोतल भी वहां रखी हुई थी और इसके साथ- साथ ताश के पत्ते भी टेबल पर बिखरे हुए थे जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि यहां पर जुआ भी खेला जाता है।
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यहां भी पत्रकार पर हुआ था हमला
बता दें कि इससे पहले प्रतापगढ़ में भी एक पत्रकार को जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। जिसके बाद अब मेरठ में भी एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार को जलाकर मारने की कोशिश की गई है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर पुलिस-प्रशासन की आंख के नीचे कैसे भू-माफियाओं का दो नंबर का धंधा चल रहा है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ उत्तर प्रदेश में बदमाशों और भू-माफियाओं के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी जारी कर चुके हैं। बावजूद इसके पत्रकारों व आम लोगों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।