लोकसभा चुनाव : मायावती 45 दिनों में 100 से अधिक जनसभाओं से मतदाताओं तक पहुंचाएंगी अपनी बात, उड़ीसा से होगा आगाज

डीएन ब्यूरो

पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार का मुंह देखने वाली बसपा ने इस बार पूरी तरह कमर कस ली है। मायावती तूफानी तरीके से पूरे देश भर में रैलियां और जनसभाएं करेंगी। हालांकि इनका असर तो चुनावी नतीजों के बाद ही चलेगा लेकिन इन रैलियों से वह भाजपा को जरूर तगड़ी टक्‍कर देने जा रही हैं।

फाइल फोटो
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लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के साथ-साथ राज्‍यों में बसपा उम्‍मीदवारों को उतारने वाली मायावती 2 अप्रैल से चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही हैं। वह अपनी पहली चुनावी जनसभा का आगाज उड़ीसा से करेंगी। 17 मई तक लगभग हर रोज वह कहीं कहीं चुनावी जनसभाओं में मतदाताओं को संबोधित करती रहेंगी।

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उनकी इन चुनावी सभाओं को देखकर लगाता है कि इस बार वह किसी भी तरीके पिछले चुनावों में हुई हार को अपनी जीत में बदल देना चाहती हैं। 

मायावती अपने गृह प्रदेश में 7 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के मुखिया अ‍खिलेश यादव के साथ देवबंद से संयुक्‍त रूप से चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगी। हालांकि उत्‍तर प्रदेश में इस बार बसपा सपा और रालोद के साथ मैदान में है। संयुक्‍त रैली में राष्‍ट्रीय लोकदल के अध्‍यक्ष चौधरी अजित सिंह भी मौजूद रहेंगे।

वहीं तीन और चार अप्रैल को तेलंगाना और आंध्रप्रदेश, 5 अप्रैल को नागपुर में जनसभाएं रखी गइ हैं। 10 अप्रैल को बसपा सुप्रीमो मैसूर और  चेन्‍नई में गरजेंगी। जबकि दक्षिण में पैर पसारने की पहली कोशिश के साथ 11 अप्रैल को केरल में जनसभाओं के माध्‍यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगी।

14 अप्रैल को बाबासाहब भीमराव आंबेडकर का जन्‍मदिन है। इस दिन बाबा साहब को याद करते हुए छत्‍तीसगढ़ के जांजगीर संसदीय क्षेत्र में चुनावी जन सभा को संबोधित करेंगी। यह वही लोकसभा सीट है जिस पर 1984 में बसपा संस्‍थापक और मायावती के राजनीतिक गुरु कांशीराम ने अपना पहला चुनाव लड़ा था। उस समय यह क्षेत्र मध्‍यप्रदेश का हिस्‍सा हुआ करता था। 

इसके बाद 17 अप्रैल को मायावती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात के अहमदाबाद से केंद्र की भाजपा सरकार पर चुनावी हमला बोलेंगी। 

वहीं 23 साल पुरानी दुश्‍मनी भुलाकर मायावती गंठबंधन धर्म निभाते हुए अखिलेश के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव के साथ भी मंच साझा कर सकती हैं। कयास लगाए जा रहे हैं इन जनसभाओं के दौरान मायावती मैनपुरी भी प्रचार करने जा सकती हैं। इसके साथ-साथ मायावती बसपा कोटे की सभी 38 सीटो पर भी चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगी। 

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पूरे चुनाव के दौरान मायावती औसतन दो सभाएं हर रोज करेंगी। इस लिहाज से बसपा सुप्रीमो मायावती 45 दिन में तकरीबन 100 सभाएं करेंगी। इन लोकसभा चुनावों में बसपा अपने उम्‍मीदवारों की जीत सुनिश्‍च‍ित करने के लिए पूरा दम दिखाएगी, मायावती की जनसभाओं से तो यही संकेत मिल रहे हैं। 

ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए माना जा रहा है कि मायावती के साथ उनके भतीजे आकाश पूरे चुनावी दौरे में मौजूद रह सकते हैं। इसके अलावा राष्‍ट्रीय महासचिव व सांसद सतीश चंद्र मिश्र चुनावी जनसभाओं उनके साथ मौजूद रहेंगे।










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