Maratha Quota: मराठाओं को निशाना बना रहे हैं ओबीसी नेता,जरांगे ने लगाए सरकार पर बड़े आरोप

डीएन ब्यूरो

कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता मराठा समुदाय के लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराकर उन्हें निशाना बना रहे हैं और मराठा नेताओं को समुदाय के युवाओं के साथ खड़ा होना चाहिए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कार्यकर्ता मनोज जरांगे
कार्यकर्ता मनोज जरांगे


छत्रपति संभाजीनगर: कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता मराठा समुदाय के लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराकर उन्हें निशाना बना रहे हैं और मराठा नेताओं को समुदाय के युवाओं के साथ खड़ा होना चाहिए।

महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के नेता छगन भुजबल ने सोमवार को कहा था कि ओबीसी वर्ग के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए पिछले दरवाजे से किए जा रहे प्रयास का विरोध किया जाएगा। उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बीड के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं की जांच कराने की मांग की।

भुजबल बीड जिले में राकांपा विधायकों प्रकाश सोलंके और संदीप क्षीरसागर के घर गए, जिन्हें पिछले सप्ताह हिंसा में निशाना बनाया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जरांगे ने भुजबल के इस बयान के एक दिन बाद मंगलवार को दावा किया कि मंत्री ने मराठा समुदाय को निशाना बनाने के लिए बीड का दौरा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे मराठा लोगों पर मामले दर्ज किये जा रहे हैं। राज्य के मराठा नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए और युवाओं के साथ खड़ा होना चाहिए। यदि आप आज उनके साथ खड़े नहीं हुए तो कल वे आपको माफ नहीं करेंगे।’’

यह भी पढ़ें | मराठा आरक्षण का विरोध नहीं करते, लेकिन ओबीसी कोटे में कटौती नहीं होनी चाहिए: भुजबल

कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘इस हिंसा से मराठा समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है। यह समुदाय के साथ खड़े होने का उचित समय हैं। हमें गांवों में आपके प्रवेश पर रोक लगाने के लिए मजबूर न करें।’’

जरांगे ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

भुजबल ने कहा था, ‘‘बीड में एक होटल में दो पुलिसकर्मियों के सामने एक घंटे तक तोड़फोड़ की गई, जो तोड़फोड़ करने वालों को रोकने में असहाय थे। वरिष्ठ नेता जयदत्त क्षीरसागर के आवास को आग लगा दी गई, जबकि उन्होंने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा था।’’

जरांगे ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि बीड के होटल में उसके मालिक को जानने वाले कुछ लोगों ने तोड़-फोड़ की थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मराठा शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं और यह हमारे प्रदर्शन को बदनाम करने का एक प्रयास है। मुझे यह भी पता चला है कि मंत्री (भुजबल) ने बीड में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की, उन्हें नामों की एक सूची दी और मराठा समुदाय को निशाना बनाने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा।’’

यह भी पढ़ें | Maharashtra: सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा अधूरा’ आरक्षण नहीं स्वीकार

उन्होंने कहा, ‘‘दबाव बनाया जा रहा है और पुलिस को (आरोपियों की) पूरक सूची बनाने और इन नामों को शामिल करने के लिए कहा जा रहा है। समुदाय के करीब 5,000 से 10,000 लोग फंस गए हैं।’’

जरांगे ने दावा किया कि ओबीसी नेता मराठा लोगों को ‘‘फंसाने’’ और ‘‘एक साजिश के माध्यम से उन्हें परेशान करने’’ के लिए अपने पदों का दुरुपयोग कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मराठा समुदाय को दबाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को इन नेताओं से बात करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विवाद न हो, अन्यथा (मराठा) समुदाय को आंदोलन के अगले चरण को लेकर फैसला करना होगा।

जरांगे ने कहा, ‘‘उन्हें यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या वह (भुजबल) पुलिस अधीक्षक से मिले थे। मुझे समझ नहीं आता कि भुजबल मराठा आरक्षण से इतने परेशान क्यों हैं। यहां तक कि ओबीसी समुदाय के लोग भी कहते हैं कि वह तनाव पैदा कर रहे हैं।’’

जरांगे ने मराठा समुदाय से राज्य के गांवों में क्रमिक भूख हड़ताल शुरू करने और यह सुनिश्चित करने की अपील की कि एक दिसंबर तक यह आंदोलन सभी गांवों में पहुंच जाए।










संबंधित समाचार