नदियों में प्रदुषण फैलाने पर कारखानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाही
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में क्षिप्रा समेत दो नदियों में अशोधित औद्योगिक अपशिष्ट बहाने पर बुधवार को प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए नौ कारखानों को सील कर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में क्षिप्रा समेत दो नदियों में अशोधित औद्योगिक अपशिष्ट बहाने पर बुधवार को प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए नौ कारखानों को सील कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों के अनुसार क्षिप्रा नदी को उज्जैन में 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले प्रदूषणमुक्त करने की मुहिम के तहत पालदा, सांवेर रोड, बरदरी और लक्ष्मीबाई नगर स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में यह कार्रवाई की गई।
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उन्होंने बताया कि इन औद्योगिक क्षेत्रों के नौ कारखाने अपशिष्ट को अशोधित तरीके से ही क्षिप्रा और कान्ह नदियों में बहा रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इन कारखानों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए हैं और उन्हें सील कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से निकलने वाली क्षिप्रा उज्जैन पहुंचती है जहां हर 12 साल में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु इस नदी में स्नान करते हैं। क्षिप्रा को हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं में 'मोक्षदायिनी' कहा जाता है।
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अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में गंदे नाले में तब्दील कान्ह नदी का पानी भी क्षिप्रा में मिलता है और इसमें होने वाले प्रदूषण में इजाफा करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भारी प्रदूषण के कारण क्षिप्रा नदी का पानी उज्जैन में आचमन के लायक नहीं है।