महराजगंज: आनंद नगर पंचायत के व्यापारियों का आंदोलन तेज, नये तरीके से दुकानों के आवंटन का विरोध
आनंद नगर पंचायत में 1988 में आवंटित दुकानों को नये सिरे से आवंटित करने के खिलाफ यहां के व्यापारी आंदोलन पर उतारू हो गये हैं। तत्कालीन चेयरमैन पर भारी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया जा रहा है। डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट..
महराजगंज: आनंद नगर पंचायत में 1988 में आवंटित दुकानों को नये सिरे से आवंटित करने का सभी व्यापारियों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। तत्कालीन चेयरमैन पर भारी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया जा रहा है। पूर्व चेयरमैन विनोद गुप्ता ने इस पूरे प्रकरण को सरकारी धन की बंदरबांट बताया है। गुस्साये व्यापारियों ने शनिवार को वर्तमान नगर अध्यक्ष राजेश जयसवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों ने उनके हितों को नजरअंदाज करने पर अपनी लड़ाई और आंदोलन को और मजबूती के साथ लड़ने की बात कही है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक आनंद नगर पंचायत में 1988 में 42 दूकानें आवंटित की गई थी। अब दुकानों को फिर से नए सिरे से आवंटित करने का मामला यहां तूल पकड़ता जा रहा है आपको बता दें कुछ दिन पहले नगर पंचायत ने एक नोटिस जारी किया था, जिसमें नगर पंचायत की तरफ से 25 अगस्त तक 42 दुकानदारों को सूचित किया गया था कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार दुकानों को नए सिरे से आवंटित किया जाएगा।
दुकाने के आवंटन के लिये जारी किये गये नोटिस में प्रति दुकान 1 लाख रूपये के रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ 14 लाख रूपए अगले 3 माह में जमा कराने को कहा गया है। नोटिस के मुताबिक दुकान का मासिस किराया 6 हजार रूपये होगा। दुकानदारों में इस नोटिस के खिलाफ बड़ा आक्रोश देखने को मिल रहा है और वे इसके खिलाफ वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज इस मामले में नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन विनोद गुप्ता ने मीडिया से बात करते नगर पंचायत अध्यक्ष पर सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर नगर पंचायत को राजस्व बढ़ाना है तो उसे नगर पंचायत में कॉन्प्लेक्स आदि का निर्माण कराना चाहिये। विनोद गुप्ता ने यह भी कहा कि अगर व्यापारी हितों को ध्यान में नहीं रखा जाएगा तो यह लड़ाई और आगे तक भी लड़ी जाएगी। अगर हमारी बातों को नजरअंदाज किया जाता है तो इसके लिए जन आंदोलन भी किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी तत्कालीन चेयरमैन की होगी।
व्यापारियों समेत पूर्व चेयरमैन ने 1988 में आवंटित दुकानों के नियम एवं शर्तों में भी बदलाव का आरोप लगाया है। इस पूरे प्रकरण में 42 दुकानों के मालिकों का कहना है कि अगर नगर पंचायत की तरफ से बीच का कोई रास्ता तय किया जाता है तो वह उसके लिए पूर्णतया तैयार हैं, नहीं तो अपनी लड़ाई आगे तक लड़ेंगे। इस मामले को लेकर आज व्यापारियों ने फिर एक बार प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाये।