महराजगंज: कागजों में ODF घोषित गांव के लोग खुले में शौच को मजबूर, पढ़िये अफसरों के कारनामों के ये खास पड़ताल, देखिये वीडियो

महराजगंज जनपद के एक गांव में ‘खुले में शौच मुक्त’ के सरकारी अभियान के तहत ओडीएफ घोषित गांव के लोग खुले में शौच को मजबूर हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 31 May 2022, 3:53 PM IST
google-preferred

महराजगंज:  गांवों को 'खुले में शौच मुक्त' के सरकारी अभियान को अफसरों के कारनामों के कारण तगड़ा झटका लग रहा है। ग्राम प्रधान और अफसरों ने कागजी कलाकारी दिखाकर एक गांव को ओडीएफ घोषित किया था लेकिन डाइनामाइट न्यूज़ टीम ने जब इस गांव की पड़ताल की तो गांव के लोगों ने बताया कि वे आज भी खुले में शौच को मजबूर हैं। गांव को ODF बताकर अफसरों व प्रधान ने खूब वाहवाही लूटी थी लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गांव में बने शौचालय पर ताला लटका हुआ है। 

यह मामला है जनपद के ब्लॉक मिठौरा के बसंतपुर खुर्द गांव का। ओडीएफ घोषित गांव में खुले में शौच के लिये मजबूर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय यहां बंद पड़ा हुआ है। 

डाइनामाइट न्यूज़ जब इस गांव में पहुंचा तो देखा कि वहां के लोग गांव की पगडंडियों पर लोटा लेकर खेतों की ओर जा रहे है। गांव के पुरुष व महिलाएं खुले में शौचमुक्त को मजबूर हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ ने मिठौरा ब्लॉक के बसंतपुर खुर्द गांव निवासी शेषनाथ मौर्य, शिवशंकर मौर्य, अमित गुप्ता, द्वारिका मौर्य और शिवशरण से बातची की। ग्रामीणों ने बताया कि गाँव में वर्षों पहले लाखों रुपये का सामुदायिक शौचालय बनाने के बावजूद ताला बंद होने के कारण मजबूरी में वे लोटा लेकर खुले में खेतों में शौच के लिए  बाहर जाते हैं। 

बता दें कि केंद्र सरकार ने गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए देश ओडीएफ (Open Defecation Free) योजना की शुरुआत की थी। लोगों को शुले में शौच जाने पर रोक लगाने के लिए गांवों में सामुदायिक व व्यक्तिगत शौचालय सुविधा प्रदान की गई। इस योजना के तहत कई गावों को ओडीएफ घोषित किया गया लेकिन अफसरों के कारनामों से कुछ गांव केवल कागजों में ही ओडीएफ नजर आ रहे हैं। कई गांवों के लोग आज भी खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।

Published : 
  • 31 May 2022, 3:53 PM IST

Related News

No related posts found.