महराजगंज: खण्डहर में तब्दील हुआ किसानों के लिए बना राजकीय कृषि बीज भण्डार, तस्वीरों में देखिये इसकी दुर्दशा

डीएन ब्यूरो

किसानों के लिए बनाया गया राजकीय कृषि बीज भण्डार अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। बीज भण्डार की दुर्दशा को लेकर जनपद के सभी जिम्मेदार मौन है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

राजकीय कृषि बीज भण्डार ने तोड़ा दम
राजकीय कृषि बीज भण्डार ने तोड़ा दम


धानी (महराजगंज): विकास खंड धनी के ग्राम सभा कानापार में लगभग पाँच दशक पहले बना बीज भण्डार अब खण्डहर में तब्दील हो चुका है। देखरेख और मरम्मत के अभाव में बीज भण्डार अब अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि किसानों के नाम पर लाख दावे करने वाली सरकार और संबंधित विभागों ने इससे मुंह मोड़ लिया है और ना ही उच्चाधिकारियों का इससे अब कोई सरोकार रह गया है। 

ग्राम सभा कानापार में जीर्श-शीर्ण हो चुके बीज भण्डार पर तीन कर्मचारी  तैनात हैं लेकिन आलम यह है कि कोई भी भवन के अन्दर नहीं बैठना चाहता। सबको इस बात का डर रहता है कि न जाने यह भवन कब ढ़ह जाये। किसानों के आवश्यकताओं के लिए पाँच दशक पहले बने इस राजकीय कृषि बीज भण्डार पर किसानों को बीज-खाद और दवा मिलती थी। लेकिन अब यह नाममात्र का ही रही गया है, जिसका वजूद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। 

इस बीज भण्डार से धानी बाजार, कोईलाडाड़ महदेवा, सिकन्दराजीतपुर नगवा, पुरन्दरपुर, वैसार, हथिगढवा, बरगाहपुर सहित बीस गाँवों के किसानों को दवा, बीज, खाद सहित खेती करने के लिए नये नियमों की जानकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा दी जी थी।

इसका क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि लाइन लगाकर किसान यहां से सामान ले जाया करते थे। लेकिन जबसे यह भवन बना तबसे मरम्मत के अभाव में यह खण्डहर में तब्दील होता गया। तैनात कर्मचारियों की लापरवाही से भवन के अगल बगल की खाली जगह भी कब्जा होता जा रहा है। लेकिन ना तो तैनात कर्मचारियों से कोई मतलब और ना ही उच्चाधिकारियों से कोई सरोकार रह गया है। 

इस सम्बन्ध मे सहायक कृषि विकास अधिकारी श्रीप्रकाश सिह ने बताया कि बजट होते हुए भी जगह के अभाव में नया भवन नहीं बन पा रहा है। भवन के अगल बगल लोगों द्वारा कब्जा भी कर लिया गया है, जिसकों अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है।










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