DN Exclusive: 686 करोड़ के नशीली दवा के सरगनाओं पर SIT कसेगी शिकंजा, एसपी ने डाइनामाइट न्यूज़ पर किया ऐलान

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जनपद में 686 करोड़ रुपए की अवैध नशीली दवाओं के गोरखधंधे में शामिल दूसरे अभियुक्त को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये कैसे चलता था यह काला कारोबार



महराजगंज: जनपद में 686 करोड़ रुपए की अवैध नशीली दवाओं के गोरखधंधे में पुलिस को आज दूसरी बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता के निर्देशन में थाना ठूठीबारी पुलिस और स्वाट की संयुक्त टीम ने इस गोरखधंधे में शामिल दूसरे अभियुक्त को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस अभियुक्त की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा था। अभियुक्त नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में एक SIT टीम का गठन किया है, जो इस प्रकरण के संबंध में आगे की जांच को और तेजी से बढ़ायेगी। 

प्रेस वार्ता के बाद डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुए SP ने कहा कि SIT को CO स्तर के अधिकारी लीड करेंगे। 

पुलिस के शिकंजे में अभियुक्त 

तीन अगस्त को हुई थी पहली गिरफ्तारी 

गिरफ्तार आरोपी की पहचान गोविंद प्रसाद गुप्ता पुत्र भोली प्रसाद गुप्ता निवासी जमुईकला गांव है। इससे पहले पुलिस ने गत 3 अगस्त को जमुईकला गांव में अवैध नशीली दवाओं का धंधा करने वाले अन्य अभियुक्त रमेश कुमार गुप्ता पुत्र भोली प्रसाद गुप्ता को गिरफ्तार किया था। दूसरा अभियुक्त गोविंद तबसे फरार चल रहा था, जिसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

रैपर बदलकर काला कारनामा

पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने इस मामले का खुलासा करते हुए अभियुक्त और उसके काले कारनामों से पर्दा उठाय़ा तो कई चौकाने वाली बातें सामने आयी हैं।गिरफ्तार अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि वह प्रतिबंधित नशीली दवाएं, इंजेक्शन, सीरप, टेबलेट आदि और अच्छे दामों पर बिकने वाली दवाओं और इंजेक्शन के रैपर बदल देता था। इन दवाओं पर अधिक कीमत का नया रैपर लगाया जाता था। आरोपी अपने घर और गोदाम से रैइन दवाओं को ऊंची कीमत पर बेचता था। 

नेपाल, लोकल बाजार और आम आदमी के बीच बिक्री 

अभियुक्त द्वारा नशीली दवाओं व इंजेक्शन की सप्लाई आम जनमानस के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में भी की जाती थी। इसके अलावा महराजगंज के लोकल मार्केट में भी ये दवाएं रैपर बदलकर बेची जाती थी, जिनमें एक्सपायरी डेट की दवाएं भी शामिल होती थी। 

इस तरह बिकती थी एक्सपायरी डेट की दवाएं

अभियुक्त ने पुलिस पूछताछ में बताया कि जिन दवाओं की समय सीमा समाप्त हो जाती थी, उन दवाओं पर नये मूल्य और नई समय सीमा का रैपर लगाया जाता था। इसके बाद पुरानी दवाओं को बाजार में घर से बेचा जाता था। 

सिसवा बाजार गोरखधंधे बड़ा केंद्र

सभी प्रतिबंधित नशीली दवाइयां, इंजेक्शन, सीरप, टेबलेट और रैपर को कुछ मेडिकल एजेन्सी से खरीदा जाता था, ये एजेंसियां सिसवा बाजार थाना कोठीभार, महराजगंज से प्राप्त होती थी। 

इस ड्रग एजेन्सी से होती थी बड़ी डील  

पुलिस के मुताबिक एक व्यक्ति अंकित सिंह निवासी कोल्हुई बाजार, थाना कोल्हुई, जो गोरखपुर में आदित्य ड्रग एजेन्सी चलाता है, वह अभियुक्त से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से दवाओं की खरीद-फरोख्त करता वह सब प्रतिबंधित नशीली दवाएं, इंजेक्शन, सीरप, टेबलेट इसी गिरोह के लोगों से लिया करता था। 










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