महराजगंज: CBI अफसर बनकर महिला अधिकारी से लाखों रूपयों की ठगी, पढ़िये साइबर ठगों की हैरान करने वाली करतूत

डीएन संवाददाता

महराजगंज की एक महिला अधिकारी को साइबर ठगों ने लाखों रुपयों की चपत लगा दी है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी ख़बर

साइबर ठगों की शिकार बनी महिला अधिकारी
साइबर ठगों की शिकार बनी महिला अधिकारी


महराजगंज: जिले के पुलिस अधिकारी साइबर ठगी से बचाव के संदेश और तौर-तरीके बताते रहते हैं। इसके बाद भी आम आदमी तो दूर अधिकारी भी इन ठगों के शिकार बन जाते हैं। महराजगंज जिले की एक तत्कालीन महिला अधिकारी भी साइबर ठगों से नहीं बच सकी।

साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर इस महिला अधिकारी से 23 लाख रूपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार अब इस महिला अधिकारी ने पुलिस को एक शिकायती पत्र दिया है।

इस शिकायती पत्र के माध्यम से एक महिला अधिकारी ने बताया कि महराजगंज में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत है। 2 जुलाई 2024 को मेरे मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करके बोला गया कि ई.डिस्ट्रिक कोर्ट लखनऊ में सुनवाई से संबंधित है, अधिक जानकारी के लिए 9 दबाएं।

मैंने 9 दबाया तो एक व्यक्ति ने खुद को ई.डिस्ट्रिक कोर्ट का वकील बताते हुए मेरा नंबर व नाम पूछा। वकील ने बताया कि मेरे नाम से एक इंवेस्टमेंट कंपनी रजिस्टर्ड है जिसने 17 लोगों से फ्रॉड किया है। आज आपके केस की सुनवाई है। मैंने वकील को बताया कि मेरी आईडी का गलत प्रयोग हुआ है, मैं इस प्रकरण से अनभिज्ञ हूं। तब वकील ने कहा कि क्या आप कंप्लेन करना चाहेंगी। जिस पर मैं सहमत हो गई। वकील ने कहा कि आप कृष्णा नगर पुलिस स्टेशन लखनऊ पर एफआईआर कराएं। वकील ने फिर बोला कि क्या आप आनलाइन कंप्लेन दर्ज कराएंगी तो मैंने हां कह दिया। वकील ने काल ट्रांसफर कर दी। किसी अन्य व्यक्ति ने फोन उठाया और बोला मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं। तो मैंने वकील को बताई सारी जानकारी दे दी।

उस फर्जी व्यक्ति ने तब बताया कि मेरे नाम से रवि इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है और पता कृष्णा नगर मेट्रो  स्टेशन कानपुर रोड लखनऊ है। पिन नंबर के अलावा बताया कि 10 अक्टूबर 2023 को खुली एवं 17 अप्रैल 2024 को बंद हो गई। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 54855 एवं जीएसटीएन.27 सीआरसीपीडी 6768 बीआईजेडपी है तथा मेरा केस नंबर 02419/2024 है। फर्जी पुलिस वाले ने बोला कि मैडम मामला कृष्णानगर पुलिस स्टेशन का है। आप गूगल खोलिए और लखनऊ  पुलिस को सर्च करिए।

आफिसियल बेबसाइट ओपन कर बेबसाइट पर डिस्ट्रिक में लखनऊ व कृष्णानगर चुन लिया। फर्जी व्यक्ति ने 7839861082 मोबाइल नंबर से दूसरे की काल जुड़ गई। उसने बताया कि आपकी कंप्लेन पुलिस की टेलिग्राम चैनल के माध्यम से ली जाएगी और मेरा यूजरनेम पूछकर उसने लखनऊ पुलिस की आईडी से मैसेज भेजा और मेरा आधार मांगा जो मैंने शेयर कर दिया।

वाकी टाकी पर अलर्ट अलर्ट बोलते हुए कहने लगा कि इस पर अजय मिश्रा के नाम पर केस दर्ज है, अब इसे अरेस्ट करो, तो मैं डर गई। पुलिस वाले ने बोला कि मैडम मैं आपकी बात एसएचओ से कराता हूं। एसएचओ ने बताया कि मेरे ऊपर 84 भारतीय नागरिकों की तस्करी कर मलेशिया भेजा है, तुम्हारी आईडी से एचएफडीसी में खाता है। जिसमें आपके  38000000 रूपए हैं। मेरे नाम से अरेस्ट वारंट भेजकर मुझे डांटते हुए बोला कि तुम सहयोग करोगी तो प्राथमिकी जांच का अवसर मिल जाएगा। एसएचओ ने फर्जी सीबीआई अफसर को काल से जोड़ा तो मैं रिक्वेस्ट करने लगी। 

इस कहानी का अगला हिस्सा डाइनामाइट न्यूज की अगली स्टोरी पढ़ें। 










संबंधित समाचार