जिले में वन विभाग ने टेके लकड़ी माफियाओं के आगे घुटने, लाखों के सागौन के पेड़ गायब, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

डीएन संवाददाता

आंधी-तूफान से गिरे लाखों रूपये मूल्य के लगभग एक दर्जन सागौन के पेड़ लापता होने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान पर मामले में गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



सिसवा बाजार (महराजगंज): जिले के सिसवा विकासखण्ड के ग्राम शीतलापुर के झनकहवा पोखरे में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यहां एक हफ्ते पहले आए आंधी-तूफान के चलते वन विभाग के कई सागौन के खड़े पेड़ गिर गये थे। लाखों रूपये मूल्य के ये पेड़ यहां से गायब हो गये हैं। प्रधान पर कुछ गिरे पेड़ों को कटवाकर अपने घर अब भी गायब हैं। वन विभाग ने मामले का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक क्षेत्र में विगत दिनों आए आंधी व तूफान में सिसवा विकासखंड के ग्रामसभा शितलापुर में सरकारी पोखरे के किनारे लगे दो बड़े कीमती सागौन के पेड़ धराशाही हो गए थे, जो अब कटने लगे है। जब डाइनामाइट न्यूज की टीम इस मामले की पड़ताल करने गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि इनमें से कुछ सागौन के पेड़ नवनिर्वाचित ग्रामप्रधान ने अपने घर के बाहर रखे हुए मिले। डाइनामाइट न्यूज की टीम ने ग्रामीणों के बताये स्थान पर ही इन पेड़ों का पाया।

यह भी जानकारी मिली की सागौन के बागीचे से आधा दर्जन हरे पेड़ भी कटकर गायब है । ग्रामसभा में चर्चा का विषय है और बड़ा सवाल भी उठता है कि ग्रामप्रधान ने बिना किसी सक्षम अधिकारी को सूचित किये बिना ये पेड़ कैसे अपने घर रख लिये?  और तो और जो पेड़ बगीचे में अभी भी गिरे पड़े हैं, उनकी अब तक नीलामी क्यों नहीं हो पाई है? 

डाइनामाइट न्यूज टीम से बातचीत में ग्रामप्रधान का कहना है कुछ जलौनी वाले पेड़ों को काटकर अपने घर के सामने रखवाया हूँ। 

डाइनामाइट न्यूज टीम से डीएफओ पुष्प कुमार का कहना है कि सागौन के पेड़ों को काटने व पहले से हरे पेड़ की कटान का मामला संज्ञान में आया है। संबंधित रेंजर को जांच हेतु भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।










संबंधित समाचार