महराजगंज: डीएम ने फरियादियों संग किया मुलज़िम जैसा बर्ताव

डीएन संवाददाता

महराजगंज में कोटेदार के खिलाफ शिकायत करने पहुंचे लोगों को उस समय बड़ी मायूसी का सामना करना पड़ा जब जिलाधिकारी उनपर भड़क उठे और फरियादियों को वहां से भाग जाने को कहा।

अधिकारियों से बात करते अंकित तिवारी
अधिकारियों से बात करते अंकित तिवारी


महराजगंज: एक फरियादी को जिलाधिकारी से कोटेदार के खिलाफ शिकायत करना महंगा पड़ गया। जिलाधिकारी ने दोषी कोटेदार के खिलाफ कार्यवाही करने से मना कर दिया और उल्टे फऱियादी को ही सजा दिलाने की धमकी दे देते हुए वहां से फौरन भाग जाने को कहा। वहां मौजूद लोगों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे जिलाधिकारी के खिलाफ आक्रोशित हो गये। फरियादियों का कहना है कि डीएम ने उनके साथ मुलज़िम जैसा बर्ताव किया है।

क्या है पूरा मामला

फरेन्दा थाने के महदेवा दूबे निवासी अंकित त्रिपाठी मंगलवार को जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह से अपने गांव के कोटेदार जवाहिर अग्रहरी के खिलाफ शिकायत करने गए थे। अंकित का कहना है कि कोटेदार गांव में अनियमितता और भ्रष्टाचार करता है जिसकी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।

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बता दें कि कोटेदार की शिकायत करने के लिए अंकित के साथ दर्जनों गांव वाले भी गये थे। अंकित का कहना है की एलआईयू इन्स्पेक्टर अंकित को अकेले डीएम से मिलने ले गए। अंकित का कहना है कि डीएम ने जैसे ही हम लोगों को देखा तो भड़क उठे और बोले की कोटेदार को हम सस्पेंड नहीं करेंगे। अंकित के मुताबिक डीएम उल्टे हम लोगों को ही सजा दिलाने की बात करने लगे और हमें फौरन वहां से भाग जाने को कहा। अंकित का कहना है कि जिलाधिकारी के इस बर्ताव से हमें ऐसा लगा कि हम कोई जुर्म करके आये हैं।

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अंकित के मुताबिक फरियादी जैसे ही बाहर आये वैसे ही मौके पर सीओ सदर मुकेश प्रताप सिंह, कोतवाल सदर अनुज सिंह भारी फ़ोर्स के साथ वहां पहुंचे और हम लोगों को कोतवाली थाने पर ले गये। उन्होंने मेरे ऊपर जबरन दबाव बनाकर लिखवाया कि हमसे डीएम साहब ने कुछ नहीं कहा। जब हमने मजबूरन लिखकर दे दिया तब जाकर पुलिस वालों ने हमें थाने से जाने दिया।

बड़ा सवाल यह उठता है कि जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरियादियों को लेकर इतने गम्भीर है वहीं जब अधिकारी ही, लोगों के खिलाफ इस तरह का बर्ताव करने लगेंगे तो फिर पीडितों को न्याय कैसे मिलेगा? इस घटना के बारे में डाइनामाइट न्यूज़ ने महराजगंज के जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह का पक्ष जानने के लिये फोन किया लेकिन उनका फोन नही उठा।

 










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