DN Exclusive: महराजगंज में किसानों के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा, देखिये मामले पर क्या बोले मुख्य जांच अधिकारी IAS गौरव सिंह सोगरवाल
महराजगंज जनपद में किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाता खोलकर आढ़तियों का हजारों कुंतल धान सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचकर करोड़ों रूपये के फर्जावाड़े को लेकर मुख्य जांच अधिकारी IAS गौरव सिंह सोगरवाल ने डाइनामाइट न्यूज के साथ बेबाक बातचीत मेंं जांच संबंधी कई खुलासे किये। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
महराजगंज: किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाता खोलकर आढ़तियों का हजारों कुंतल धान सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचकर करोड़ों रूपये के फर्जीवाड़े का यह मामला आजकल जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासन से लेकर किसान और आम आदमी इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद से हैरान है। कथित घोटाले का मुख्य आरोपी फरार है, जिस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी रख दिया है।
मामले की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी आईएएस गौरव सिंह सोगरवाल को इस जॉच टीम का मुखिया बनाया गया है। इसी बड़े फर्जीवाड़े से जुड़ी जांच को लेकर डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने मुख्य जांच अधिकारी से गौरव सिंह सोगरवाल से बातचीत की। युवा आईएएस अफसर ने मामले पर बेबाकी से बातचीत कर कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच जारी है। जांच लगभग पूरी हो चुकी है और अगले हफ्ते तक सारे तथ्य सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई होनी निश्चित हैं। किसी भी दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जायेगी।
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डाइनामाइट न्यूज से Exclusive बातचीत में जांच अधिकारी और युवा आईएएस अफसर ने कहा कि जिन-जिन किसानों से छापेमारी के दौरान कागजात पाए गए, उनसे भी पूछताछ चल रही है। प्रथम दृष्टया केंद्र प्रभारी दोषी पाएं गए है और क्रय केंद्रों पर मापदंडों का भारी उलंघन किया गया है। क्रय केंद्रों के लिये बनाई गई गाईडलाइंस का भी घोर उल्लंघन किया गया है।
विभागीय अधिकारियों के मिली भगत संबंधी डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि जो भी लोग दोषी पाएं जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। जिन-जिन बैंको के फार्म और पैसे भुगतान हुए है उन बैंको से भी पूछताछ होगी।
बता दें कि बीते महीने कोतवाली क्षेत्र के शिकारपुर में एक मकान पर पुलिस व साइबर सेल ने छापेमारी कर भारी संख्या में चेकबुक-पासबुक, एक्टिवेटेड सिमकार्ड, बड़ी मात्रा में कैश के अलावा 19 सरकारी क्रय केन्द्रों की मुहर बरामद की थी। जिन किसानों के नाम पर पासबुक मिली, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी और उनका फर्जी खाता खोलकर उनके नाम पर लेनदेन किया जा रहा था। इस बड़े फर्जीवाड़े के सामने आने से पुलिस-प्रशासन भी हैरान है औऱ जनपद में हर जगह आजकल इस फर्जीवाड़े की बात हो रही है।