DN Exclusive: महराजगंज में सड़क निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा, लाखों का हुआ भुगतान लेकिन नहीं बनी रोड, दोबारा पड़ा टेंडर तो इस तरह खुली पोल, जानिये कैसे हुआ काला खेल

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले में सड़क निर्माण को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। लाखों का भुगतान होने के बावजूद भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ और उसी लोकेशन पर दोबारा कार्य का आदेश जारी कर दिया गया। जब जांच में पूरा खेल सामने आया तो महकमे में खलबली मच गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



महराजगंज: जनपद में सड़क निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच सामने आने पर पूरे महकमे में खलबली मच गई है। लाखों का भुगतान होने के बावजूद भी रोड नहीं बनाई गई और उसी लोकेशन पर दोबारा काम का आदेश जारी कर दिया गया। निरीक्षण के दौरान फर्जीवाड़े का यह खेल सामने आया, जिसके बाद अब पूरे विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। 
 
जानकारी के अनुसार निचलौल ब्लॉक के भेड़िया गांव में भुगतान के बाद भी सड़क का निर्माण न होना और उन्ही सड़कों पर दोबारा मस्टर रोल निकाल कर कार्य कराने की शिकायत की गई थी।  मंगलवार को डीसी मनरेगा अनिल चौधरी ने इस मामले की जांच की तो शिकायत सही पाई गई। 

डीसी मनरेगा की जांच में उजागर हुआ कि जहां रोड बनाने के लिये भुगतान किया गया, उस लोकेशन पर सड़कों का निर्माण मिला ही नही। वहीं दोबारा बनायी जा रही निर्माणाधीन सड़क में दोयम दर्जे की ईट का प्रयोग में पाया गया। इस दौरान डीसी मनरेगा ने जहां कार्य प्रभारी सचिव राजीव रामचंद्रन को फटकार लगाई वहीं भुगतान के बाद भी सड़क निर्माण न होने पर सीडीओ को जांच रिपोर्ट सौंपने की बात कही है।  

दरअसल सोमवार को भेड़िया गांव निवासी ग्रामीण कैलाश पटेल, हेमराज,  राजकिशोर, पंकज व बसंत ने लिखित शिकायत देकर गांव में भुगतान के बाद तीन सड़कों का निर्माण न होने की शिकायत दर्ज कराई थी। 

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2020 में  ग्राम सभा में विरिंद्र भारती के घर से नहर पुल तक इंटरलाकिंग के लिए 3.90 लाख, आंगनबाड़ी केंद्र से मुख्य मार्ग तक निर्माण के लिए 3.76 लाख और लोहरपट्टी से रामआसरे भारती के घर तक इंटर लाकिंग के लिए कुल 3.96 लाख रुपये का बजट आया था। इस तरह से इन तीनों सड़कों के निर्माण के लिए कुल 11.50 लाख रूपये का भुगतान हुआ था। लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ। इसी बीच उन्हीं सड़कों पर दोबारा कार्य कराने के लिए मनरेगा से पुन: मस्टररोल जारी करा कर काम शुरू कराया जा रहा है। 

मंगलवार को गांव में जांच करने पहुंचे डीसी मनरेगा ने मौके पर पाया कि जिन तीनों सड़कों के नाम पर भुगतान हुआ है, उनका निर्माण नहीं हुआ है। इसके अलावा वर्तमान निर्माणाधीन सड़क में दोयम दर्जे का ईट  प्रयोग पाए जाने पर कार्य प्रभारी राजीव रामचंद्रन को कड़ी फटकार लगाते हुए ईंट बदलने का निर्देश दिया । 

इस संबंध में जिले के सीडीओ गौरव सिंह सोगरवल ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि मामला संज्ञान में हैं। आज डीसी मनरेगा को जांच के लिए भेजा गया था। जांच के बाद यदि फर्जीवाड़ा हुआ होगा तो कड़ी कार्यवाही करते हुए तत्काल रिकवरी करायी जाएगी। 










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