महराजगंज: जिले भर में अस्पतालों, अल्ट्रासाउंड सेन्टरों, पैथोलाजी केंद्रों पर जिला प्रशासन की ताबड़तोड़ छापेमारी, दो हुए सील, कईयों को नोटिस, देखिये पूरी सूची
महराजगंज जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे हास्पिटल्स, अल्ट्रासाउंड सेन्टरों, पैथोलाजी एवं डायग्नोस्टिक केंद्रों बुधवार को प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जिला प्रशासन ने जनपद में अवैध रूप से संचालित हो रहे हास्पिटल, अल्ट्रासाउंड सेन्टरों, पैथोलाजी एवं डायग्नोस्टिक सेन्टरों पर बुधवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की। प्रशासन द्वारा गठित कमेटी की छापेमारी के बाद गैर पंजीकृत एक अल्ट्रासाउंड सेन्टर और एक पैथालाजी सेंटर को सील कर दिया गया, जबकि कई अन्य को नोटिस दिया गया।
मेट्रो अल्ट्रासाउंड सेन्टर महराजगंज तथा आशिक पैथालाजी हीडेन निचलौल हुए सील
प्रशासन के निर्देशों पर गठित कमेटी द्वारा छापेमारी में मेट्रो अल्ट्रासाउंड सेन्टर महराजगंज तथा आशिक पैथालाजी हीडेन निचलौल का अपंजीकृत होना पाया गया तथा विभिन्न कमियां पाये जाने के कारण इन दो केंद्रों को सील कर दिया गया।
इन 24 केन्द्रों का किया गया निरीक्षण
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक छापेमारी और जांच टीम ने इसी प्रकार अन्य पैथोलाजिक तथा डायग्नोस्टिक सेन्टर में मार्डन पैथालाजी एवं लैब महराजगंज, सी टी अल्ट्रासाउंड, परफैक्ट डायग्नोस्टिक सेन्टर सदर, रोहित अल्ट्रासाउंड सेन्टर कप्तानगंज, विजय डायग्नोस्टिक परतावल, हरमैन हास्पिटल पनियरा, शीतला डायग्नोस्टिक सेन्टर निचलौल, उज्जवल हास्पिटल निचलौल, एसबी हास्पिटल नौतनवा, लाईफ केयर हास्पीटल, मैक्स सिटी हास्पिटल नौतनवा, शुभम अल्ट्रासाउंड, आनन्द अल्ट्रासाउंड, जनता अल्ट्रासाउंड फरेन्दा, पाठक अल्ट्रासाउंड धानी, भारत अल्ट्रासाउंड, धानी लाईफ केयर अल्ट्रासाउंड, मनीष अल्ट्रासाउंड सेन्टर फरेन्दा रोड को मिलाकर कुल 24 हास्पिटल व अल्ट्रासाउंड सेन्टरों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सेन्टर पंजीकृत है परन्तु कमियां को पाये जाने के कारण इनको नोटिस जारी किया गया है।
रसूखदारों को पर्दे के पीछे से बचाने का खेल भी है जारी
कार्यवाही की जद में आये कई केन्द्र संचालकों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि स्वास्थ्य विभाग पर्दे के पीछे से मनमानी पर उतारु है, कईयों को व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में झूठी शिकायतों पर परेशान किया जा रहा है तो कई बदनाम केन्द्रों को खुलेआम बख्शा जा रहा है। जिसको लेकर इन संचालकों में अंदर ही अंदर रोष पनप रहा है।