DN Exclusive: पढ़िये यूपी के 16 साल के लड़के का कमाल, कबाड़ से बनाई साइकिल, चल रही बाइक से तेज

डीएन ब्यूरो

देश की ग्रामीण प्रतिभाओं को उनके जज्बे और सराहनीय कार्यों के साथ समाज के सामने लाने की डाइनामाइट न्यूज की मुहिम जारी है। इसी क्रम में डाइनामाइट न्यूज की आज की रिपोर्ट में पढिये यूपी के महराजगंज जिले के 16 वर्षीय शक्तिमान के अनूठे इनोवेशन के बारे में



महराजगंज: निसंदेह हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। कमी है तो बस उन्हें उचित संसाधन, प्लेटफॉर्म और अनुकूल महौल मिलने की। देश की ऐसी ही ग्रामीण प्रतिभाओं को उनके जज्बे और सराहनीय कार्यों के साथ समाज के सामने लाने की डाइनामाइट न्यूज की मुहिम जारी है। इसी क्रम में डाइनामाइट न्यूज की आज की रिपोर्ट में पढिये यूपी के महराजगंज जिले के 16 वर्षीय शक्तिमान के अनूठे इनोवेशन के बारे में।

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महराजगंज जिले के सदर थाना क्षेत्र के ग्राम करमहा बाबू टोला घोठही निवासी शक्तिमान प्रजापति पुत्र प्रेम प्रजापति 11वीं कक्षा का छात्र है। पढाई-लिखाई के अलावा तकनीक और कल-पुर्जों को जानना-समझना शक्तिमान की दूसरी बड़ी खूबी है। शक्तिमान भले ही बेहद गरीब परिवार और मध्यमवर्गीय परिवेश से ताल्लुक रखता हो लेकिन उसकी सोच बेहद ऊंची है। उसके सपने, उसके जज्बे और कुछ अलग कर दिखाने के उसके जुनून का ही नतीजा है कि शक्तिमान के एक अनूठे इनोवेशन से उसके गांव औऱ क्षेत्र के लोग उसके कायल होते जा रहे हैं।  

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16 वर्षीय शक्तिमान जब छोटा था तो उसके मन में एक ऐसी साइकिल तैयार करने का सपना जाग उठा, जो अन्य साइकिल से हटकर हो और जिसकी स्पीड बाइक या तेज रफ्तार वाहन की तरह को और इसे बनाने में भी कम खर्चा हो। उम्र बढ़ने के साथ शक्तिमान ने अपने इस सपने को अमल में लाना शुरू किया और एक ऐसी कॉमपैक्ट साइकिल बना डाली, जो वास्तव में न केवल किफायती है बल्कि यह तेज रफ्तार गति भी पकड़ सकती है। सबसे बड़ी बात यह कि शक्तिमान ने इसे स्क्रैप और अन्य सामानों की मदद से तैयार किया है। 

डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में शक्तिमान बताता है कि इस साइकिल में उसने बोलेरो जैसे एसयूपी गाड़ी का पहिया लगाया है। शक्तिमान ने अपनी इस साइकिल को बाहुबली साईकिल नाम दिया है। क्योंकि छोटी सी दिखने वाली इस साइकिल के पहिये बेहद भारी नजर आते हैं और इसी कारण यह मोटरसाइकिल को भी टक्कर देने को तैयार रहती है। यह साइकिल पैरों से पैडल मारकर ही बाइक जैसी रफ्तार से दौड़ सकती है। 

डाइनामाइट न्यूज के एक सवाल के जबाव में शक्तिमान कहते हैं कि इस साइकिल को बनाने में वे अब तक 16000 हजार रूपये खर्च तक चुके हैं। यह पैसा शक्तिमान ने घर से मिले जेब खर्चों से बचाया, जो इनोवेशन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। इसमें घर-गांव में बिखरे कुछ कबाड़ के साथ कुछ नये सामान का इस्तेमाल किया गया। नया सामान बाजार से खरीदा गया।

शक्तिमान ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि साइकिल निर्माण समेत उनके इनोवेशन का यह सफर अभी जारी है और पैसों का अभाव होने के कारण अभी कुछ काम रुके हुए है। शक्तिमान का सपना अब नई इलैक्ट्रिक साईकिल बनाने का है।










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