DN Exclusive: मिलिये इस ग्रामीण कलाकार से, जिसका हुनर आपको भी कर देगा तरोताजा, देगा नया जोश

डीएन ब्यूरो

डाइनामाइट न्यूज हमेशा ही ऐसा प्रयास रहा है कि उन ग्रामीण प्रतिभाओं की कहानियों को भी उजागर किया जाए, जो किन्ही वजहों से मीडिया की सुर्खियां बनने से चूक जाते हैं लेकिन उनका हुनर किसी नामचीन व्यक्ति या कलाकार के कम नहीं होता। ग्रामीण प्रतिभाओं को सामने लाने के क्रम में पढिये आज यूपी के उम्दा कलाकार इकबाल धनौजी या इकबाल ढ़ोलकिया के बारे में

कुशीनगर निवासी हैं इकबाल धनौजी
कुशीनगर निवासी हैं इकबाल धनौजी


महराजगंज: हमारे देश में ऐसी कई ग्रामीण प्रतिभाएं मौजूद है, जिनका हुनर कई नामचीन हस्तियों से हरगिज कम नहीं है। लेकिन किन्ही कारणों से ऐसे प्रतिभावान लोगों को मीडिया में सुर्खियां और समाज में वो सम्मान नहीं मिल पाता है, जिसके वे असली हकदार होते हैं। डाइनामाइट न्यूज हमेशा ही ऐसे अनजानी-अनसुनी लेकिन दमदार ग्रामीण प्रतिभाओं की कहानियों का सामने लाने का प्रयास करता रहता है। हमारे इस प्रयास का उद्देश्य ऐसे लोगों को उनका वाजिब सम्मान दिलाना और उनके जरिये समाज के अन्य लोगों को प्रेरित कर सकारात्मकता का संदेश देना है, ताकि ऐसी ही संभावनाओं से पुष्ट अन्य लोग भी अपनी प्रतिभा के बल पर अपना एक खास मुकाम देश और समाज में स्थापित कर सकें।   

ग्रामीण प्रतिभाओं से जुड़ी डाइनामाइट न्यूज की इस कड़ी में हम आज आपको मिलवा रहे हैं उत्तर प्रदेश के इकबाल धनौजी से। इकबाल धनौजी को लोग अक्सर इकबाल ढोलक वाला के नाम से भी जानते हैं। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद के खड्डा तहसील निवासी इकबाल के ढोलक की थाप और गायन का हर कोई मुरीद है। बच्चों से लेकर बुजूर्ग, युवाओं से लेकर हर उम्र के महिला-पुरुष इकबाल की कला के मुरीद हैं। उनके प्रशंसकों की जमात काफी बड़ी है। उनकी कला का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इकबाल यूपी खासकर पूर्वांचल के इंटरनेट सेंसेशन भी है। 

यूपी के महराजगंज जिले के निचलौल तहसील में बाली कॉलेज स्थित मोहित फिल्म प्रोडक्शन स्टूडियो में गते दिनों पहुंचे इकबाल धनौजी ने डाइनामाइट न्यूज से बातचीत की। यूट्यूब पर धमाल मचाने वाले इकबाल धनौजी ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि मोहित फ़िल्म प्रोडक्शन द्वारा उनको कुछ गीतों के लिये ऑफर किया गया। खास बात यह है कि इकबाल धनौजी ने यहां निःशुल्क गाना गाने की शर्त स्वीकार की। गानों के बाद एलबम के रिलीज होने पर इन गानों से जो भी कमाई होगी वह धनौजी को दी जायेगी। इकबाल ने यह शर्त हंसी-खुशी स्वीकार की, जिसे इकबाल का कला के प्रति समर्पण या फिर अपने हुनर को लेकर उनका आत्मविश्वास कहा जा सकता है। 

एलबम के लिये गाने की शूटिंग के बीच ही इकबाल ने ढोलक की थाप पर  डायनामाइट न्यूज़ के दर्शकों-पाठकों के लिए कई गीत भी सुनाये। उन्होंने सामयिक विषयों परे गंभीर और चुटीले अंदाज कई गीत सुनाये। 

कुशीनगर के ग्राम धनौजी के रहने वाले इकबाल वहां के आसपास के क्षेत्रों में बेहद लोकप्रिय हैं। वे गांव-गांव में घूमकर ढोलक बजाकर और गाना गाकर लोगों का मनोरंजन करते हैं और इससे जो कुछ पैसा मिलता है, उससे ही अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मियां बीवी और 6 बच्चों के इकबाल का परिवार का पालन-पोषण उनकी इसी कला पर निर्भर है।










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