योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट मधवालिया गोसदन में 40 गायों की दर्दनाक मौत, मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध

शिवेंद्र चतुर्वेदी

एक तरफ जहां हिंदू संगठनों से जुड़े लोग देश भर में गौरक्षा के नाम पर आतंक फैलाते हुए एक गाय के तस्कर को भी पकड़ ले तों उसकी हत्या करने पर आमादा हो जा रहे हैं वहीं सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे प्रिय प्रोजेक्ट में से एक मधवलिया गोसदन में अचानक 40 से अधिक गायों की सनसनीखेज रहस्यमय मौत हो गयी है। इसके बाद कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। पूरी खबर..

मधवलिया गोसदन में मृत गाय
मधवलिया गोसदन में मृत गाय


महराजगंज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह निवास गोरखपुर से महज 70 किमी की दूरी पर स्थित जिले के मधवालिया गो सदन से सबसे बड़ी दर्दनाक खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर सामने आ रही है। 

 

मधवलिया गोसदन में पिछले तीन से चार दिनों में जबरदस्त कुप्रबंधन के कारण 40 से अधिक गायों की दर्दनाक मौत की खबर है। यह भी खबर है कि मृत गायों की संख्या और भी ज्यादा है।

 

मृत गाय 

 

यह भी पढ़ें: महराजगंज: सीएम योगी के इलाके में सौ से अधिक गायों की सनसनीखेज मौत, प्रशासन अंजान, गौरक्षक खामोश

डाइनामाइट न्यूज़ पर खबर वायरल होने के बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन अपनी घनघोर लापरवाही को छिपाने के लिए युद्धस्तर पर जुट गया है।

दो मृत गायें

 

प्रभारी जिलाधिकारी और एडीएम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

लापरवाही की हद यह है कि जिला मुख्यालय से प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ राम सिंहासन प्रेम और अपर जिलाधिकारी आरपी कश्यप जैसे वरिष्ठ अधिकारी इतनी बड़ी घटना के बाद भी मौके पर जाना मुनासिब नही समझे। ये अफसर मौके पर जाने की बजाय अपने सरकारी घर पर छुट्टी मना रहे हैं और जाड़े में हीटर का मजा ले रहे हैं। इससे साफ है कि जिले केअफसर इस घटना को लेकर कितने लापरवाह हैं।

 

एक साथ मृत मिली 3 गायें

खबर यह है कि जिलाधिकारी आवश्यक कार्यों से छुट्टी पर हैं ऐसे में प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ और एडीएम की घनघोर लापरवाही समझ से परे हैं। इन्हें अपने सस्पेंशन का न तो डर है और न ही सीएम के कड़क तेवरों का कोई एहसास।

मृत गाय का कंकाल

 

सिर्फ तहसील स्तर के अधिकारी मौके पर, लीपापोती तेज

मौके पर सिर्फ स्थानीय तहसील के अधिकारी है जो युद्ध स्तर पर मामले की लीपापोती में जुटे हैं ताकि किसी को इतनी बड़ी घटना की कानो-कान कोई खबर न हो।

जहां-तहां देखने को मिल रही मृत गायें

मौके पर जेसीबी मशीन, गायों को गाड़ने की तैयारी

स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रशासन जेसीबी मशीन लाकर आनन-फानन में गायों की लाशों को सामूहिक तौर पर जमीन में गाड़ने की तैयारी में हैं।

80 तक है मृत गायों की संख्या! 

ग्रामीणों के मुताबिक मृत गायों की संख्या 80 तक है लेकिन फिलहाल 40 गायों की मौत स्पष्ट मौके पर दिख रही है। यह मौतें पिछले 15 दिन से लगातार हो रही हैं। गोसदन से जुड़े सूत्र सिर्फ 20-22 गायों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं।

पूरे गोसदन क्षेत्र में जहां-तहां बिखरे हैं गायों के कंकाल

इलाके में जगह-जगह मृत गायों के कंकाल भी बिखरे हुए हैं।

 

गायों के मरने के पीछे गोसदन का कुप्रबंधन बड़ा कारण

इन मौतों की वजह जिला प्रशासन की जबरदस्त लापरवाही और गोसदन की भारी कुप्रबंधन है। 

मृत गाय और कंकाल

 

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के मुताबिक चार महीन पहले तक यहां गायों की कुल संख्या लगभग 350 थी, इधर 150 और गायें गोरखपुर से आय़ी हैं। इस गोसदन में बीमार व बूढ़ी गायें भी रहती है। अब प्रशासन इन मृत गायों को ठंड लगना व बीमार बता और संख्या घटाकर लीपापोती में जुट गया है।

मीडिया पर प्रतिबंध

जिलाधिकारी जिले में यदि न रहे तो जिले के निकम्मे अधिकारी जिले को बेच खायेंगे। अपनी करनी को छिपाने और यह घटना लखनऊ और दिल्ली तक न पहुंचे इसको लेकर जिला प्रशासन ने गजब की तेजी दिखायी और मौके पर मीडिया के जाने पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया लेकिन अपनी निर्भीक पत्रकारिता के लिए चर्चित डाइनामाइट न्यूज़ के जाबांज रिपोर्टरों ने मृत गायों की एक्सक्लूसिव वीडियो और तस्वीरे आम जनता तक पहुंचाकर प्रशासन के निकम्मेपन को उजागर करने का काम किया है।  










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