लखनऊ: विजय दिवस पर भारतीय सेना के शौर्य के लिये निकाली वीमेन बाइक रैली

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16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के पराक्रम के सामने दुश्मन देश पाकिस्तान ने घुटने टेक दिये थे, भारतीय सेना के शौर्य की वजह से ही बांग्लादेश एक अलग और स्वतंत्र देश बन सका। भारतीय सेना की इसी वीरता से आम लोगों को परिचित कराने के लिए उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक संघ की ओर से वीमेन बाइक रैली का आयोजन किया गया।



लखनऊ: 16 दिसंबर 1971 को पड़ोसी देश पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारतीय सैनिकों के प्रति कृतज्ञता जताने और उनके पराक्रम को विजय दिवस के रूप में मनाने के लिये राजधानी में विमन बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस बाइक रैली का उद्देश्य भारतीय सैनिकों को सलामी देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना भी रहा।

 

 

भूतपूर्व सैनिक संघ के शानदार प्रयास

यह बाइक रैली लखनऊ के 1090 चौराहे से शुरु होकर गोमती नगर के सिरोज में समाप्त हुई, जिसके जरिये 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की वीरता और पराक्रम से भी आम लोगों को परिचित कराया गया। वीमेन बाइक रैली का आयोजन उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक संघ की ओर से किया गया।

 

 

पाकिस्तान के 1 लाख सैनिकों ने किया आत्मसमर्पण

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय सेना में 1971 के युद्ध में अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था। जिसके कारण पाकिस्तानी सेना के 1 लाख ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया की 1971 के युद्ध के दौरान लोगों को भारतीय सेना के अदम्य शौर्य से परिचित कराने के लिए महिला बाइक रैली का आयोजन किया गया है। 

विजय दिवस और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ

उन्होंने कहा कि देश में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के इस अभियान को एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि बाइक रैली में भाग लेने वाली महिलाओं को सर्टिफिकेट भी बांटे जाएंगे। 


 










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