

उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलो के साथ ही बढ़ रही मौतों की संख्या बेहद चिंताजनक होती जा रही है। ऐसे में अब यूपी पंचायत चुनाव के लिये दो मई को होने वाली मतगणना को टालने की मांग उठने लगी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई तरह की भयभीत करने वाली खबरें भी सामने आ रही है। कोविड-19 से राज्य में बढ़ रही मौतों के साथ स्थित गंभीर और चिंताजनक होती जा रही है। कोरोना संकट के बीच राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर पहले से कई सवाल उठाये जा रहे थे लेकिन अब यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले राज्य के 577 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत का दावा किया जा रहा है। शिक्षक संगठन अब दो मई को होने वाली मतगणना को टालने की मांग कर रहा है।
यूपी में शिक्षकों के एक बड़े संगठन संगठन उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य के चुनाव आयोग को एक पत्र के साथ सूची सौंपी है, जिसमें संघ ने कहा कि पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले राज्य के 577 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई है। संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को जिलावार मृतक शिक्षकों की लिस्ट भी दी है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य में दो मई को होने वाली पंचाय़त चुनाव की मतगणना को टालने की मांग की है। संघ का कगना है कि यदि आयोग उनकी मांग पर काम नहीं करता है तो वे खुद की मतगणना का बहिष्कार करेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपे गये इस पत्र में संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने शिक्षकों की मौत के लिये सिस्टम और आयोग की लापरवाही को जिम्मेदार माना है। संघ लापरवाही का जिक्र करते हुए कहा कि अगर मतगणना को टाला नहीं जाता है तो हम इसका बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे।
संघ ने कहा कि पंचाय चुनाव ड्यूटी के कारण लाखों लोगों को कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ा है, लेकिन चुनाव आयोग गंभीर नहीं है, अगर आयोग कार्रवाई नहीं करता है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।
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