UPTET 2021 Postponed: यूपी टीईटी रद्द, जानिये यूपी एसटीएफ ने कैसे बचाई सरकार की लाज
उत्तर प्रदेश में आज होने वाली UPTET-2021 परीक्षा इसके आयोजन से ठीक पहले रद्द कर दी गई है। यूपी एसटीएफ द्वारा परीक्षा से ऐन पहले सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश करने से योगी सरकार की लाज भी बच गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: शिक्षक बनने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों के लंबे इंतजार के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में आज होने वाली UPTET-2021 परीक्षा को इसके आयोजन से ठीक पहले रद्द कर दिया गया है। परीक्षा रद्द होने से उम्मीदवारों को झटका तो जरूर लगा है लेकिन यूपी एसटीएफ ने जिस तरह से परीक्षा शुरू होने से ऐन पहले पेपर लीक मामले का पर्दाफाश कर सॉल्वर गैंग का खुलासा किया है, उसने सरकार की लाज को भी बचा दिया है। ऐन पहले यूपी एसटीएफ के खुलासे के कारण योगी सरकार UPTET के उम्मीदवारों के गुस्से का शिकार होने से भी बच गई है।
पूरे उत्तर प्रदेश में 2336 केंद्रों पर दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में आज राज्य भर के 19 लाख 99 हजार 418 कैंडिडेट शामिल होने वाले थे। लेकिन यूपी एसटीएफ द्वारा राज्य के कई हिस्सों में कल तक बिछाये गये जाल में यूपी टीईटी परीक्षा का पेपर लीक करने वाले सॉल्वर गैंग से सदस्य फंस गये। पुख्ता खुलासे के बाद यूपी एसटीएफ ने सरकार को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया। परीक्षाओं में सॉल्वड गैंग्स को पकड़ने के लिए पहले ही एक जाल बिछाया जा चुका था, जिसे यह कामयाबी मिली।
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार आरोपयों के पास से यूपी टीईटी पेपर की फोटो कॉपी बरामद हुई है। इन कागजों को शासन से शेयर करने के बाद पता चला कि यह यूपी टीईटी के आज की परीक्षा के प्रश्नपत्र थे। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां प्रयागराज से हुई, जहां 13 लोगों को पकड़ा गया है। इसके अलावा लखनऊ से 4, मेरठ से 3 वाराणसी और गोरखपुर में दो-दो व्यक्तियों को पकड़ा है।
परीक्षा शुरू होने से चंद समय पहले यूपी एसटीएफ के खुलासे में सरकार को बड़ा सेफ जोन दे दिया है। यूपी एसटीएफ यदि पेपर लीक मामले का समय पर खुलासा न करती तो सरकार सवालों के घेरे में आ जाती और उम्मीदवारों के गुस्से का शिकार होती। माना की यदि परीक्षा के दौरान या परीक्षा के बाद पेपर लीक का पता चलता तो उम्मीदवारों का गुस्सा सातवें आसमान पर होता और मामला ज्यादा गंभीर हो जाता, जो सरकार के लिये ठीक न होता। इसके साथ ही बाद में लगने वाले तमाम तरह के आरोपों से पहले एक तरह से योगी सरकार की लाज भी बच गई है।
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परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले पेपर लीक का खुलासा कर एसटीएफ ने अपनी काबिलियत को फिर एक बार सिद्ध करने के साथ ही सरकार को भी लाखों युवाओं व उम्मीदवारों के गुस्से का शिकार बनने से बचा लिया है।
परीक्षा से पहले यूपी एसटीएफ के इस खुलासे ने सरकार को उम्मीदवारों के जख्मों पर मरहम लगाने का भी वक्त दे दिया। अब सरकार का कहना है कि वह एक महीने के भीतर इस परीक्षा का आयोजन करेगी। इसके साथ ही सरकार ने यह भी घोषणा की है कि यूपी टीईटी के परीक्षार्थियों से दोबारा शुल्क व परिवहन में कोई पैसे नहीं लिए जाएंगे। बच्चे एडमिट कार्ड दिखाकर परीक्षा केंद्र तक पहुंच सकते हैं उनसे कोई पैसे नहीं लिए जाएंगे।