जानिये, यूपी में यूरिया किल्लत और कालाबाजारी पर क्या बोले राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

डीएन ब्यूरो

खरीफ की फसल को यूरिया की जरूरत है, मगर बाजार की साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली पङे हैं। ऐसे मे बढे हुये रेट पर किसान यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट से जानिये, यूपी यूरिया संकट को लेकर क्या बोले कृषि मंत्री..



लखनऊ: वैसे तो उत्तर प्रदेश की साधन सहकारी समितियों की दुकान में यूरिया का दाम 267 रूपये प्रति बोरी तय किया गया है। मगर खुले बाजार में इसका रेट 350 से 375 रूपये पंहुच गया है। बहराइच, बलरामपुर की नेपाल सीमा पर यूरिया तस्करी की शिकायतों के बीच खुले बाजार से घंटों लाइन में लगने के बाद ही किसानों को बढे रेट पर यूरिया मिल पा रहा है।

यूपी के बलरामपुर,अयोध्या जैसे जिलों में भी यूरिया की काफी किल्लत है।बलरामपुर मे साधन सहकारी समितियों से यूरिया न मिलने के कारण 500 रूपये बोरी तक इसका रेट पंहुच गया है।बहराइच नेपाल सीमा पर यूरिया तस्करी पर रोक नही लग पा रही है।

जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि यूरिया पर्याप्त मात्रा में है।मगर तस्करी पर अंकुश लगाया जायेगा। बाराबंकी में यूरिया की कमी को लेकर सपा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में धरना भी दे चुके हैं। बाराबंकी के डीएम आदर्श सिंह ने यूरिया की कमी की बात मानी है और कहा है कि किसानों को खेती के रकबे के हिसाब से यूरिया उपलब्ध कराई जायेगी।हालांकि यूरिया की किल्लत वाले जिलों मे प्रशासन द्वारा छापे भी डाले जा रहे हैं।

इस मामले मे जानकारी देते हुये कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 18 अगस्त तक प्रदेश भर में सहकारिता क्षेत्र मे 12.79 लाख मैट्रिक टन और निजी क्षेत्र मे 12.88 लाख मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जा चुकी है। जो पिछले साल से 5.25 लाख मैट्रिक टन ज्यादा है। अभी 3 दिन के भीतर गोरखपुर, देवरिया, उन्नाव, मुरादाबाद जैसे जिलों मे 3 रैक यूरिया पंहुच रही है। सभी किसानों को सरकार यूरिया पंहुचाने को प्रतिबद्ध है।

कृषि मंत्री ने साफ चेतावनी दी है कि राज्य में जो भी व्यापारी यूरिया की कालाबाजारी करते हुये पाये जायेंगे, उन पर सकार द्वारा मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्वाई की जायेगी।










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