अखिलेश यादव ने यूपी में किया समाजवादी विजय रथ यात्रा का आगाज, चुनावी शंखनाद के साथ लखनऊ से रवाना

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधान सभा से ठीक पहले राज्य में आज अपनी समाजवादी विजय रथयात्रा का आगाज कर दिया है। अखिलेश विजय यात्रा के लिये लखनऊ से रवाना हो चुके हैं। पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 October 2021, 10:56 AM IST
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लखनऊ: विधानसभा चुनाव के शंखनाद के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज यूपी में अपनी समाजवादी विजय रथयात्रा का आगाज कर दिया है। इस यात्रा के लिये अखिलेश यादव लखनऊ से रवाना हो चुके हैं। यह यात्रा कानपुर से शुरू होगी और इस दौरान अखिलेश दो दिन में लगभग 190 किलोमीटर की यात्रा में चार जिलों का भ्रमण करेंगे। 

समाजवादी विजय यात्रा के जरिये अखिलेश यादवा जहां राज्य की जनता से भी सीधा संवाद करेंगे वहीं वह इसके जरिये चुनाव से पहले यूपी की जनता के बीच जाकर मौजूदा भाजपा सरकार की कमियों और खामियों को भी उजागर करेंगे।  

अखिलेश यादव विजय यात्रा के पहले दिन आज गंगा पुल कानपुर, नौबस्ता कानपुर, नेवेली लिग्नाइट घाटमपुर से होते हुए हमीरपुर पहुंचेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल रहेंगे।

इस यात्रा से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की विजय यात्रा इसलिए भी है, क्योंकि राज्य की जनता भारतीय जनता पार्टी की सरकार से निराश है। उत्तर प्रदेश की जनता न्याय चाहती है। समाजवादी पार्टी विजय रथ इसलिए भी चल रहा है क्योंकि यहां के किसानों को सम्मान नहीं मिल रहा है।

विजय यात्रा से पहले सपा ने कहा कि अखिलेश यादव की यह विजय यात्रा दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों को न्याय दिलाने के लिये, गरीबों को जीवन यापन की सुविधाएं उपलब्ध कराने, मजदूरों को रोजगार, किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी को खत्म करने, बेरोजगारों को रोजगार, व्यापारियों की दिक्कतों को खत्म करने, महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी, छात्रों-युवाओं के सुखद भविष्य को सुनिश्चित करने जैसे कई उद्देश्यों के लिये की जा रही है।  

बता दें कि यह ऐसा पहला अवसर नहीं है, जब अखिलेश यादव पहली बार पूरे उत्तर प्रदेश में इस तरह की यात्रा का आयोजन कर रहे हों। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश की अगुवाई में 2012 में भी समाजवादी क्रांति रथ चलाया था, जिसका पूरे राज्य में व्यापक असर देखने को मिला और बाद में सपा समेत अखिलेश यादव सत्ता के शीर्ष पर भी पहुंचे। 

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