Crime in UP: लखनऊ में फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत चार गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने नकली मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया गया है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: राजधानी की लखनऊ पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह का सरगना 15-20 साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गैंग के सरगना के ऑफिस से एक तमंचा और दो कारतूस भी बरामद किए गए। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ की अमीनाबाद पुलिस ने एक सूचना के बाद छापेमारी करके फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपितों के पास से बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार किये गये मुख्य आरोपी का नाम मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगे है, जो पिछले 15-20 सालों से इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था। सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक गिरोह का सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगे ने शिवाजी रोड अमीनाबाद में दफ्तर खोल रखा था, जहां से वह लोगों को जाली मार्कशीट बनाकर बेचता था। आरोपित खुद को मीडियाकर्मी बताता था। मनीष के खिलाफ दिल्ली और प्रयागराज में भी मुकदमे दर्ज हैं। दिल्ली और चिनहट पुलिस ने आरोपित को पहले भी जेल भेजा था।
अमीनाबाद पुलिस ने शुक्रवार को मनीष के दफ्तर में छापा मारा, जहां से 232 फर्जी अंक पत्र, 10 माइग्रेशन सह स्थानांतरण प्रमाण पत्र, 10 बंडल होलाग्राम, मोहर, आधार कार्ड, 12620 रुपये, एक तमंचा और दो कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मनीष के साथी दादरी गौतमबुद्धनगर निवासी कृष्ण ठाकुर, सत्येंद्र और कासगंज निवासी राजकुमार को गिरफ्तार किया है।
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आरोपितों के पास से केंद्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान यूपी के नाम से छपी जाली मार्कशीट बरामद किये गये। पुलिस का कहना है कि बरामद दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। आरोपित ने किन-किन लोगों को जाली मार्कशीट बेची है, इसका ब्योरा निकाला जा रहा है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।