

उत्तर प्रदेश में एमपी/एमएलए कोर्ट में कोर्ट में पेश हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जानिये, क्या है पूरा मामला
लखनऊ: बसपा के पूर्व महासचिव व वर्तमान कांग्रेसी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एमपी एमएलए कोर्ट ने सोमवार को दोनों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। दोनों आज कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की लेकिन कोर्ट ने जमानत की अर्जी खारिज कर दोनों को जेल भेजने का आदेश दे दिया।
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में कुर्की के आदेश के बाद मंगलवार ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर को जेल भेजा गया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर के खिलाफ भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की तेतरी देवी ने एफआईआर दर्ज कराई की थी।मामले में दोनों को भगौड़ा भी घोषित किया गया था। मंगलवार को सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों को जेल भेजने का फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी। एफआइआर में तेतरी देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया था। इस मामले में नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के अलावा मेवालाल गौतम, नौशाद अली व एएस राव भी आरोपित हैं। आरोपितों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने 12 जनवरी 2018 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
मामले में आरोपी मेवा लाल गौतम, अतर सिंह राव एवं नौशाद अली कोर्ट में हाजिर हो रहे थे जबकि नसीमुद्दीन एवं राम अचल गैरहाजिर थे। दोनों आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी और मुकदमे में तारीख देने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। कोर्ट ने पहले मामले में कहा कि दोनों आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी होने और भगोड़ा घोषित होने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे हैं।
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