लखनऊ: तीन तलाक कानून को लेकर मुस्लिम संगठन केन्द्र सरकार से नाराज
केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक पर कानून बनाने की जारी कोशिशों के बीच कई मुस्लिम संगठनों ने इसे लेकर सरकार का विरोध किया और इसे शरीयत में दखल अंदाजी बताया।
लखनऊ: एक और जहां केंद्र सरकार तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं के हितों का हवाला देकर कानून बनाने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के इस फैसले से कई मुस्लिम संगठन नाराज चल रहे हैं।
केंद्र सरकार के तीन तलाक पर कानून बनाने की कोशिशों को लेकर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सचिव सैयद अली हुसैन रिजवी, नजीबुल हसन सिद्दीकी समेत कई मुस्लिम धर्मगुरु ने यूपी प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत कर केंद्र सरकार के इस फैसले को शरीयत के खिलाफ और शरीयत में दखल अंदाजी बताया। मीडिया से बात करते हुए शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना सैय्यद अली हुसैन ने बताया कि भारत के संविधान में सभी धर्मों के लोगों को अपने अपने धर्मों के हिसाब से धर्म पालन की आजादी दी गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल पर बिना किसी मुस्लिम धर्मगुरु से सलाह मशवरा किए बगैर लोकसभा में पास कर दिया जिसका मुस्लिम समाज खंडन करता है।
शिया पर्सनल ला बोर्ड के सचिव मौलाना कुम्मी ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड केंद्र सरकार के तीन तलाक पर लिए गए स्टैंड का विरोध करता है और शिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले के साथ है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मौजूदा तरीके में कुछ खामियां जरूर है। मगर उसके लिए सरकारी दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुस्लिम समाज शरीयत के हिसाब से इसमें परिवर्तन करेगा।
तीन तलाक के विरोध में मुस्लिम महिलाओं के खड़े होने के सवाल पर कहा कि लाखों मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ हैं और केंद्र सरकार के तीन तलाक पर कानून बनाने के विरोध में मुस्लिम महिलाएं लखनऊ के टीले वाली मस्जिद में कल प्रदर्शन करेंगी और केंद्र सरकार से शरीयत में दखलअंदाजी न करने की अपील करेंगी।