स्मृति ईरानी बोली, नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी

नोटबंदी पहली वर्षगांठ पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया और बताया कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी है। इससे दुनिया का विश्वास भी भारत की अर्थव्यवस्था पर और मजबूत हुआ है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 November 2017, 4:04 PM IST
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लखनऊ:  पिछले साल 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था। नोटबंदी की वर्षगांठ पर लखनऊ में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि इससे 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपयों के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। जिसकी छानबीन में जांच एजेंसियां लगी हुई हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नोटबंदी से किसी भी आम इंसान को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे केवल काला धन धारकों का नुकसान ही हुआ है और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आई है। 

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उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश को कई मोर्चों पर बड़ी सफलता हासिल हुई है। जो लोग टैक्स नहीं भरते थे, उन्होंने टैक्स भरना शुरू किया, जिससे सरकार को बड़ा राजस्व अर्जित हुआ। ईरानी ने आंकड़े देते हुए बताया कि नोटबंदी के पहले देश की अर्थव्यवस्था में कुल 17 लाख 77 हजार करोड़ करेंसी चलन में थी। जो नोटबंदी के बाद पिछले 1 में 3 लाख 49 हजार करोड़ कम हुई है। उन्होंने बताया कि इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है की 3 लाख करोड़ से ज्यादा की करेंसी चलन से बाहर हो गई। इस मौके पर उन्होंने नोटबंदी को सफल करार देते हुए इसके लिए जनता को शुक्रिया अदा किया।

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स्मृति ईरानी ने नोटबंदी से रोजगार के अवसर कम होने के एक सवाल के जवाब में कहा कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा फायदा श्रमिकों को ही हुआ है। उन्होंने बताया की उनकी तनख्वाहें अब उनके खातों में आने लगी हैं। जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत हुई है।

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