UP: बस्ती में छात्रा पर फर्जी FIR केस में बड़ा एक्शन, SP का तबादला, कोतवाल और दारोगा निलंबित, जानिये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बस्ती के बहुचर्चित पोखरभिटवा मामले में सीएम योगी ने शनिवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए बस्ती के एसपी का ट्रांसफर कर दिया जबकि कोतवाल और आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट में पढ़िये पूरा मामला
लखनऊ: बस्ती में छात्रा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी दरोगा और कोतवाल को निलंबित कर दिये है। इसके साथ ही बस्ती के एसपी हेमराज मीणा का ट्रासंफर कर उन्हें DGP मुख्यालय अटैच किया गया है। आशीष श्रीवास्तव को बस्ती जिले का नया एसपी बनाया गया है। सीएम योगी ने एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार की जांच रिपोर्ट के बाद ये एक्शन लिया है। पीड़ित छात्रा ने गत दिनों सीएम योगी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद मामले के जांच के आदेश दिये गये थे।
बस्ती के बहुचर्चित पोखरभिटवा मामले में लंबे समय से युवती की शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही थी। बस्ती में छात्रा से फोन पर वार्ता के दौरान दारोगा दीपक सिंह द्वारा अभद्रता करने की बात सामने आयी। छात्रा ने दारोगा के प्यार के प्रस्ताव को नकार दिया था, जिससे गुस्साये दारोगा ने छात्रा के खिलाफ आठ फर्जी केस दर्ज किये।
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मामले ने तूल पकड़ते ही एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार ने मामले का संज्ञान लिया। अखिल कुमार ने कमिश्नर अनिल कुमार सागर के साथ शनिवार को बस्ती में छात्रा के गांव पहुंचे। वहां कई लोगों के बयान लेने और पूछताछ के प्रारंभिक जांच में दारोगा को दोषी पाया गया। अखिल कुमार के आदेश पर रामपाल यादव तथा दीपक सिंह को निलंबित कर दिया गया।
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बता दें कि यह मामला कोरोना संक्रमण काल के दौरान जून 2020 का है। आरोपी दारोगा ने तब जांच के नाम पर युवती का मोबाइल नंबर लिया था। उसके बाद दारोगा युवती को अश्लील मैसेज भेजने लगा। विरोध करने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद गांव में चकरोड का विवाद हुआ, जहां दारोगा को बंधक बनाया गया। दारोगा ने युवती और उसके घर वालों के खिलाफ आठ फर्जी मामले दर्ज किये, जिससे युवती की परेशानी बढ़ गई। युवती और उसके परिजनों की शिकायत पर कहीं सुनवाई नहीं। गत दिनों सीएम से मिलने के बाद मामले के जांच के आदेश दिये गये, जिसके बाद अब इस केस में कड़ी कार्रवाई हुई है।