Uttar Pradesh: यूपी सहकारी चीनी मिल संघ के पूर्व MD के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में CBI जांच शुरू

डीएन संवाददाता

यूपी की चीनी मिलों और उसके संघों में नियुक्ति-पदोन्नति समेत तमाम मामलों में धनउगाही व भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर यूपी सहकारी चीनी मिल संघ के पूर्व MD के खिलाफ CBI जांच शुरू हो गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

CBI लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने शुरू की जांच (फाइल फोटो)
CBI लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने शुरू की जांच (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) बीके यादव की फिर एक बार मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही है। बीके यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों नें सीबीआइ ने अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।  उन पर उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिलों और इससे संबंधित संघों में पदोन्नतियों, स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति, ग्रेज्यूएटी जैसे कई मामलों में धन उगाही समेत तमाम तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जांच में ठोस सुबूत मिलने के बाद सीबीआइ उनके खिलाफ केस दर्ज कर सकती है। 

सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने बीके यादव के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू की है। इससे पहले उन पर लगाये गये मुख्यालय कार्मिकों के नियम विरुद्ध नियुक्तियों के आरोपों को जांच में सही पाया गया था। राज्य के गन्ना एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा की सिफारिश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलायुक्त लखनऊ को यादव के खिलाफ आरोपों की जांच के आदेश दिए थे।

जांच में उन पर लगे आरोपों की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने नवंबर, 2017 में इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की थी। जांच में यह भी पाया गया कि बीके यादव द्वारा पदोन्नतियों व स्थानांतरण में भी धन उगाही की गई। कार्मिकों के उत्पीड़न व सेवानिवृत्ति से जुड़े भुगतान जैसे लीव इन्कैशमेंट व ग्रेज्यूएटी में भी धन उगाही करने के आरोप सही पाए गए।

बता दें कि बीके यादव 18 दिसंबर, 2013 से 23 मई, 2017 तक उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड में तैनात थे। आरोप है कि उन्होंने चीनी मिलों और उनके संघों में नियुक्तियों, पदोन्नतियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार किया। अब सीबीआई द्वारा जांच शुरू किये जाने के बाद बीके यादव की मुश्किलें बढ सकती हैं।










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