अखिलेश यादव का भाजपा पर तंज.. BJP नेता- कार्यकर्ता बसपा-सपा में आने को बेचैन
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के औपचारिक एलान के बाद रविवार को ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है, उन्होने कहा गठबंधन से BJP नेता- कार्यकर्ता पस्त हैं और बसपा-सपा के साथ आने को बेचैन हो रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के औपचारिक एलान के बाद रविवार को ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव न द्वीट करते हुए कहा, "बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं. अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’. ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं।
बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं. अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’. ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं. pic.twitter.com/z9EEB0io4G
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 13, 2019
अखिलेश ने कल भी ट्वीट करके कहा था, 'आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है जब भाजपा से देश के संविधान व सौहार्द की रक्षा तथा दलितों, वंचितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों पर हो रहे उनके अन्याय व अत्याचार से लड़ने के लिए बसपा-सपा दोनों एक साथ आ गये हैं. ये एकजुटता भारतीय राजनीति को एक नयी दिशा देगी और निर्णायक साबित होगी.'
आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है जब भाजपा से देश के संविधान व सौहार्द की रक्षा तथा दलितों, वंचितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों पर हो रहे उनके अन्याय व अत्याचार से लड़ने के लिए बसपा-सपा दोनों एक साथ आ गये हैं. ये एकजुटता भारतीय राजनीति को एक नयी दिशा देगी और निर्णायक साबित होगी. pic.twitter.com/wxgrlosoUz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 12, 2019
गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कल होटल ताज में संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में ऐलान किया कि सपा और बसपा दोनों दल 38-38 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। और उन्होने कहा वे अमेठी और रायबरेली में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगे।