Karwa Chauth Special: इस करवा चौथ बन रहा है महासंयोग, जानें क्या है महत्व

मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को करवाचौथ की यह कथा सुनाते हुए कहा था कि पूर्ण श्रद्धा और विधि-पूर्वक इस व्रत को करने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-सौभाग्य तथा धन-धान्य की प्राप्ति होने लगती है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 October 2019, 11:35 AM IST
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 प्रयागराज: मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को करवाचौथ की यह कथा सुनाते हुए कहा था कि पूर्ण श्रद्धा और विधि-पूर्वक इस व्रत को करने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-सौभाग्य तथा धन-धान्य की प्राप्ति होने लगती है। श्री कृष्ण भगवान की आज्ञा मानकर द्रौपदी ने भी करवा-चौथ का व्रत रखा था। इस व्रत के प्रभाव से ही अर्जुन सहित पांचों पांडवों ने महाभारत के युद्ध में कौरवों की सेना को पराजित कर विजय हासिल की।

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एक अन्य पौराणिक कथा सावित्री और सत्यवान की है। जिसमें यमराज सावित्री के पति के प्राणों को ले जाते हैं और सावित्री उनके पीछे पीछे पति के प्राणों की भीख मांगते और करूण क्रदंन करते हुए जाती हैं। सावित्री के विलाप से विचलित हो यमराज ने उन्हें सत्यवान के जीवन को छोड़कर कुछ भी मांगने का वचन देते हैं। सावित्री ने यमराज से पुत्रवति होने का आर्शीवाद मांग लिया और यमराज ने तथास्तु कह दिया। इस पर सावित्री ने यमराज से पूछा जब आप मेरे पति के प्राणों को ले जारहे हैं तब मैं पुत्रवती कैसे हो सकती हुूं। वचन में बंधने के कारण यमराज ने सत्यवान के प्राणों को वापस लौटा दिया। कहा जाता है तभी से स्त्रियां अन्न और जल का त्यागकर पति की लम्बी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं। (वार्ता)